सिकन्दर के अभियानों पर एक ख़ास नज़र

| Updated: Nov 18, 2021, 05:24 PM IST

ईसा पूर्व 329-28 में सिकंदर ने बैक्ट्रिया (वर्तमान में बल्ख़, अफ़ग़ानिस्तान और आसपास के मध्य एशियाई देशों के इलाक़े) में 1.20 लाख लोगों को मारा.

सिकंदर (सोहराब मोदी, 1941) ...

प्यार और ज़िंदगी के गीत गाते हुए सिकंदर की सेनाएं यूनान से कूच कर रही हैं...

हुस्न के हुजूर में अपना सर झुकाये जा, आसमां पे छाये जा...

[हर युद्ध महान आदर्शों की ओट से किया जाता है.]

 

बैक्ट्रिया का युद्ध

जब सिकंदर महान दुनिया जीतने निकल रहा था, तब उसके शिक्षक अरस्तू ने उसे ज्ञान दिया था कि यूनानियों को मित्र और परिजन समझना तथा अन्यों के साथ वैसा व्यवहार करना जैसा पेड़ों या जानवरों के साथ करते हो.

ईसा पूर्व 329-28 में सिकंदर ने बैक्ट्रिया (वर्तमान में बल्ख़, अफ़ग़ानिस्तान और आसपास के मध्य एशियाई देशों के इलाक़े) में 1.20 लाख लोगों को मारा, सैकड़ों गाँव तबाह किया और भारी लूट की. बैक्ट्रिया युद्ध में पहली बार सिकंदर घायल हुआ था (दो बार), फ़ारस के किसी भी इलाक़े से उसे ज़्यादा समय इस इलाक़े में देना पड़ा था और यहीं उसके सबसे अधिक सैनिक मारे गए.

लगभग तीन साल के अभियान के बाद बैक्ट्रिया युद्ध के लक्ष्य को पूरा किए बिना सिकंदर हिन्दूकुश लांघकर हिंदुस्तान की ओर रवाना हो गया.

क्या हुआ सिकंदर की पत्नी का

बैक्ट्रिया अभियान (उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान व आसपास में मध्य एशियाई इलाक़े) के दौरान सिकंदर महान को एक प्रभावशाली वारलॉर्ड ऑक्सीआर्टेस की बेटी रॉक्ज़ेन पर दिल आ गया और उसने हिंदूस्तान कूच करने से पहले उससे शादी कर ली. बाद में उससे एक बेटा हुआ, जिसे सिकंदर महान की माता ओलिंपियास ने पाला, पर जल्दी ही माँ-बेटे की हत्या हो गयी और यूनान की गद्दी पर बैक्ट्रियाई माँ की संतान राज न कर सकी.

लेकिन, एक अन्य बड़े वारलॉर्ड स्पिटामेनेस की बेटी अपमा की संतानों ने सबसे बड़े यूनानी साम्राज्य पर कई पीढ़ियों तक राज किया. अपमा का ब्याह सेल्यूकस से हुआ था. वह बहुत तेज़तर्रार रानी साबित हुई. सेल्यूकस की बेटी की शादी चंद्रगुप्त मौर्य या किसी मौर्य राजकुमार से हुई थी और इस समझौते में चंद्रगुप्त को बड़ा इलाक़ा मिला था, जिसमें कंधार समेत दक्षिण अफ़ग़ानिस्तान के बड़े इलाक़े थे.

सेल्यूकस को मौर्य सम्राट ने हाथियों का लश्कर दिया, जो सेल्यूकस की जीतों में अहम कारक साबित हुआ. फिर एक लंबे अरसे तक आज के अफ़ग़ानिस्तान में अमन-चैन बना रहा.

कभी कहीं पढ़ा था-

हर एक सिकंदर का अंजाम यही देखा, मिट्टी में मिली मिट्टी, पानी में मिला पानी

[सिकंदर के बाद उसका ख़ानदान भी न बचा.]

 

(प्रकाश के रे की फ़ेसबुक वॉल से)