Great Indian Weddings: “आज्जी मेरे यारी की शादी है” पर नाचती बारात है

| Updated: Feb 25, 2022, 06:48 PM IST

प्रेमी ने भरी दुल्हन की मांग
 

भारतीय बारात में होने वाले तमाशों पर पल्लवी त्रिवेदी का व्यंग्य...

बारात का सही मज़ा नॉन बाराती बनकर निरपेक्ष भाव से बारात का अवलोकन करने में ही आता है. बरात निकल रही हो घर के सामने से और हम बैठे हों फुली फोकट . ऐसे वक्त में इस नृत्य समारोह का  सुनिए आँखों देखा हाल...

 

बारात के नृत्य समारोह का  सुनिए आँखों देखा हाल

एक कोट वाले साब को जूडी का ताप चढ़ा हुआ है ! बदन बुरी तरह कांप रहा है ! थ्री पीस सूट का कोट सुपरमैन की चद्दर की तरह फरफरा रहा है.

एक छोकरे का जींस बस अब खिसका कि तब खिसका. इसकी कमर की हड्डी ने आज कर्तव्यपरायणता की सारी सीमाएं तोड़ दी हैं.

एक आंटी की चमकुल साड़ी का पल्लू का सिरा हमारे मोहल्ले के पिल्ले ने अपने मुंह में  दबा रक्खा है ! सौ सितारों का ज़मीं पर है मिलन आज की रात.

एक अंकल नागपंचमी का त्यौहार धूमधाम से मना रहे हैं ! वे बीन बजाते हुए नागिन के खोपड़े पर ही चढ़े जा रहे हैं.

उस दुबले पतले लड़के को तत्काल प्रभाव से अपने ब्रेन का सी टी स्कैन करा लेना चाहिए ! कोई इंसानी सर इतने झटके बर्दाश्त नहीं कर सकता !

वो गोला बनाकर ढोल पर नाचती कन्याओं के समूह में पीले सूट वाली लड़की जानबूझकर सामने वाली की चप्पल दबा रही है !

एक अंकल को अचानक माता आ गयी हैं ... बाकी सारे नर्तक घबड़ा कर दूर छिटक गए हैं !

इस बरात में माइकल जैक्सन भी पुनर्जन्म लेकर पधार चुके हैं ! उस पिद्दे छोकरे की अटपटी  और लटपटी मूनवाक देखकर केवल एक महिला तालियाँ बजाकर उसकी बलाएँ लेकर सौ का नोट बैंड वाले को दे रही है ! ये ममतामयी महिला उसकी माँ के सिवा कोई नहीं हो सकती !

अंकल का मांजा ख़त्म हो जाएगा

एक किशोरी  "दुनिया पित्तल दी" पर "पंखिड़ा ओ पंखिड़ा" के स्टेप्स कर रही है !

ओ गंजे अंकल .. जल्दी सटक लो यहां से!  लाइट का गमला पकडे हुए जिस लड़के का आपने दस मिनिट पहले पैर कुचला था , उसकी माँ तूफानी गति से विकराल रूप धरे आपकी ही ओर बढ़ी आ रही है !

Mythological Story : सबके होते हैं अपने-अपने स्वर्ग

और दूल्हे की गोद में बैठा वो नन्हा बालक अजीब अजीब मुंह बना रहा है! किसी भी क्षण सू सू का प्रवाह हो सकता है ! खुदा करे डायपर पहना हो !

अबे ,ये दूल्हा बैठे बैठे काहे मिसमिसा रहा है. ओ तेरी... इसकी गति भी गोद के बालक जैसी ही प्रतीत हो रही है. वह घोड़ी वाले को जल्दी बढाने का संकेत दिए जा रहा है लेकिन फूफे ,जीजे नृत्य के साथ मदिरा के सुंदर संयोग का पूरा आनन्द लेने में इतने मशगूल हैं कि घोड़ी पिछले आधे घण्टे से एक चिंगत्ता आगे नहीं बढ़ी है. आज कांड होना तय है. 

लो घोड़ी का तो हो भी गया. और अगर अब बरात का प्रस्थान तुरंत नहीं हुआ तो उन अंकल का मांजा ख़त्म हो जाएगा जो आधे घंटे से पतंग उड़ाए जा रहे हैं !

(पल्लवी त्रिवेदी मध्य प्रदेश सरकार में पुलिस अधिकारी हैं. उनके चुटीले व्यंग्य की जनता मुरीद है. )

(यहां प्रकाशित विचार लेखक के नितांत निजी विचार हैं. यह आवश्यक नहीं कि डीएनए हिन्दी इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे और आपत्ति के लिए केवल लेखक ज़िम्मेदार है.)