डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियों की रस्साकसी शुरू हो गई है. यूपी की सत्ता में रही समाजवादी पार्टी ने इस चुनाव में अपनी सियासी चाल चलना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी का आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी, रालोद, भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी, महान दल और जनवादी पार्टी से गठबंधन तय है.
रालोद प्रमुख जयंत चौधरी से सपा की बातचीत अंतिम चरण में है. आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी बुधवार को लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात की, ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि आम आदमी पार्टी सपा के जरिए यूपी में अपनी सियासी जमीन तलाशने में लगी है. कहा ये भी जा रहा है कि आप नेता संजय सिंह ने दिल्ली के नजदीक यूपी की 25 सीटों की सूची अखिलेश को सौंप दी है.
साथ आ गए छोटे दल
दरअसल, अखिलेश यादव ने ये ऐलान किया था कि इस बार चुनाव में समाजवादी पार्टी छोटे दलों से गठबंधन करेगी. उनकी इस घोषणा के बाद से ही कई दल सपा से संपर्क साध रहे हैं. इस बीच अपना दल (कमेरावादी) ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया है. इसकी घोषणा पार्टी की प्रमुख कृष्णा पटेल ने की. उन्होंने लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की. वहीं उनकी बेटी अनुप्रिया का अपना दल (सोनेलाल) बीजेपी के साथ गठबंधन है. हालांकि दूसरी ओर सपा की ओर से साफ किया जा चुका है कि असदुद्दीन ओवैसी के लिए उनके गठबंधन में कोई जगह नहीं है.
क्या है अखिलेश की प्लानिंग
दरअसल, सपा इस चुनाव में कई दलों से गठबंधन कर राज्य में मजबूत बीजेपी को कड़ी चुनौती देना चाहती है. यदि सपा वोटर्स का ध्रुवीकरण करने में सफल रही तो उसके लिए सत्ता हासिल करना आसान हो जाएगा. बहरहाल, देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश की ये चाल कितनी कामयाब होती है.