डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की राजनीति में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को आज किसी परिचय की जरूरत नहीं है. मगर हैरानी की बात यह है कि अखिलेश यादव कभी भी राजनीति में आना ही नहीं चाहते थे. राजनीतिक परिवार से संबंध होने के बाद भी भविष्य को लेकर उनकी कुछ अलग ही योजनाएं थीं. एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वह लिट्टी चोखा से जुड़ी फूड चेन शुरू करना चाहते थे.
इंजीनियरिंग की डिग्री
1 जुलाई 1973 को सैफई में अखिलेश यादव का जन्म हुआ था. मां मालती देवी के असमय निधन और पिता मुलायम सिंह यादव के राजनीति में व्यस्त रहने की वजह से उनका पालन-पोषण उनके दादा-दादी ने किया. अखिलेश यादव की शुरुआती शिक्षा सैफई में हुई और फिर उन्होंने राजस्थान, धौलपुर के मिल्ट्री स्कूल में पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री ली. आगे की पढ़ाई के लिए वह ऑस्ट्रेलिया चले गए और वहां से उन्होंने एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री ली.
कुछ अलग थी करियर की योजना
बताया जाता है कि अखिलेश यादव को राजनीति पसंद नहीं थी. वह अपनी पढ़ाई के दिनों से ही एक अलग करियर का सपना देखा करते थे. राजनीति में अपने परिवार के खासे रुतबे की वजह से भी वह कुछ अलग हटकर करना चाहते थे. रिपोर्ट के मुताबिक वह मैक्डॉनल्ड (McDonald's) की तरह की लिट्टी-चोखा फूड चेन शुरु करना चाहते थे.
अपनी पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने इस तरह की योजनाएं तैयार भी कर ली थीं, मगर परिस्थितियों ने उन्हें राजनीति का रास्ता दिखाया और आज वह ना सिर्फ राजनीति में आए बल्कि यूपी के मुख्यमंत्री भी बने. इस बार वह करहल विधानसभा सीट से दावेदारी पेश कर रहे हैं.
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उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश से हमारे देश को कई बड़े नेता मिले, ऐसे में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना किसी भी नेता के करियर का बेहद खास मुकाम माना जाता है. अखिलेश यादव ने यह मुकाम काफी कम उम्र में पा लिया. वह 38 साल की उम्र में ही यूपी के मुख्यमंत्री बन गए थे. बात सन् 2012 की है, जब समाजवादी पार्टी ने 224 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री का पद दिया गया था.
पहला लोकसभा चुनाव
सन् 2000 में 26 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनावों में भागीदारी की थी. वह सन् 2000 में कन्नौज में हुए उप-चुनावों में जीते थे. इसके बाद वह 2004, 2009 दोनों ही बार लोकसभा सदस्य बने. अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भी दो बार सांसद रह चुकी हैं. वह राजनीति में सक्रिय रहती हैं.
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