डीएनए हिंदी: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Election 2022) को लेकर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) धुआं-धार प्रचार में लगी हुई हैं. इस बार गुजरात में बीजेपी (BJP) के सामने 3 चुनौतियां हैं. पहली 27 साल की सत्ता विरोधी लहर, दूसरी आप आदमी पार्टी की धमक से निपटना और तीसरी चुनौती कांग्रेस के शांत चुनावी प्रचार की काट करना. वहीं बीजेपी के सामने एक चुनौती पुराने रिकॉर्ड्स को तोड़ने की है.
भले ही बीजेपी राज्य में 150 सीटें पार करने की बात कर रही हो लेकिन हकीकत यह भी है कि पार्टी अभी 127 के आंकड़े तक ही सीमित रही है. बीजेपी ने गुजरात में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2002 में गुजरात दंगों के बाद हुए विधानसभा चुनाव में किया था. उस दौरान पार्टी ने 127 सीटें जीती थीं. इसके बाद 2007 में 117 सीटें, 2012 में 116 सीटें और 2017 में 99 सीटें जीतीं थीं. पार्टी की सीटें 2002 के बाद से लगातार कम ही हो रही है. पिछले चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस ने कड़ी चुनौती दी तो पार्टी 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई.
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इस बार बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती यह है कि वह न केवल चुनाव जीते बल्कि सीटों के लिहाज से भी अच्छा प्रदर्शन करे. गुजरात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गढ़ माना जाता है लेकिन खास बात यह है कि कांग्रेस ने यहां सबसे ज्यादा सीटें 1985 में 149 सीटें मिली थीं.
हालांकि उसके बाद से कांग्रेस का ग्राफ भी विधानसभा चुनावों के दौरान गिरा है लेकिन बीजेपी आज तक कांग्रेस के इस रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाई हैं. आपको बता दें कि कांग्रेस को इतनी बड़ी जीत मिलने पर उसके हीरो तत्कालीन पार्टी नेता माधव सिंह सोलंकी थे.
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पिछले 27 सालों से कांग्रेस पार्टी यहां संघर्ष कर रही है लेकिन इस बार बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती यह है कि उसका मुकाबला बीजेपी से नहीं बल्कि दिल्ली में उसके लिए मुसीबत बन चुकी आम आदमी पार्टी से है. बीजेपी के विजय रथ को पिछले दो विधानसभा चुनावों के दौरान दिल्ली में आप ने ही रोका है. ऐसे में बीजेपी के लिए आप गुजरात के लिहाज से एक खतरा हो सकती है. ऐसे में पार्टी इस बार गुजरात में अपना किला बचाने के लिए पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है.
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