डीएनए हिंदीः गुजरात विधानसभा (Gujarat Election 2022) में मतदान के लिए अब दो सप्ताह का समय बचा है. राजनीति दलों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. मतदाताओं को लुभाने में कोई भी पार्टी कसर नहीं छोड़ रही है. राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है. बता दें कि एक दिसंबर को पहले चरण और 5 दिसंबर को दूसरे चरण का मतदान होगा. गुजरात की 182 सीटों में से आदिवासी बहुल सीटों पर सभी पार्टियों की नजर बनी हुई है. सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने में इन सीटों की अहम भूमिका है.
गुजरात में क्या है सीटों का गणित?
गुजरात में 182 सीटों में से 142 सीटें जनरल कैटेगरी में आती हैं. वहीं 13 सीटें एससी और 27 सीटें एसटी कैटेगरी की आती है. ऐसे में इन 27 सीटों पर सभी दलों की नजरें हैं. आदिवासी समाज जिस पार्टी के पक्ष में वोट करता है उसका सत्ता तक पहुंचने का रास्ता काफी आसान हो जाता है.
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पिछली बार क्या रहे नतीजे?
2017 के चुनाव नतीजों का बात करें तो बीजेपी को 182 सीटों में से 99 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस भी 77 सीटें जीतने कामयाब रही. एसटी सीटों की बात करें तो 27 में से 17 सीटें कांग्रेस के खाते में गईं जबकि बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की.
इस बार कैसा है माहौल?
पिछली बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था. हालांकि इस बार आम आदमी पार्टी भी मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है. राजनीतिक जानकार भी त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना जता चुके हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस का गढ़ रहे इस इलाके में बीजेपी भी तेजी से अपनी पकड़ बना रही है. बीजेपी सरकार ने आदिवासी समाज के लिए कई योजनाएं भी शुरू कीं.
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बीजेपी ने मजबूत किया किला
इन सीटों में छोटा उदयपुर सीट हमेशा से चर्चा में रही है. इस सीट से मोहन सिंह राठवा 10 बार विधायक रहे हैं. पूरे इलाके में इनकी अच्छी पैठ मानी जाती है. इनका दबदबा ना सिर्फ उनकी सीट पर है बल्कि एसटी सीटों पर भी इसका खासा प्रभाव माना जाता है. हाल ही में वह अपने बेटे के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. ऐसे में इस बार नतीजे चौंकाने वाले रह सकते हैं. बीजेपी ने छोटा उदयपुर से मोहन सिंह के बेटे राजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है.
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