डीएनए हिंदीः दिल्ली एमसीडी चुनाव में (Delhi MCD Election 2022) आम आदमी पार्टी ने कमाल कर दिखाया है. आप को चुनाव में 134 वार्ड पर जीत के साथ ही बहुमत मिला है. 250 वार्ड पर हुए चुनाव में 1349 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. इनमें बीजेपी 104 सीट के साथ दूसरे नंबर पर रही है. MCD में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल के पास 126 या उससे अधिक का आंकड़ा होना चाहिए.
तेजिंदरपाल बग्गा के ट्वीट से लगे कयास
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदरपाल सिंह बग्गा ने ट्वीट किया कि “दिल्ली में फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी का मेयर बनेगा.” दरअसल बग्गा का यह ट्वीट 7 दिसंबर को दोपहर 12:41 मिनट पर आया. तब तक रुझानों से चुनाव परिणाम की स्थिति काफी हद तक साफ हो चुकी थी. सोशल मीडिया पर भी लोग दावा करने लगे कि भले ही आप ने चुनाव में बहुमत हासिल कर लिया हो लेकिन मेयर को बीजेपी की ही बनेगा.
LG 12 पार्षदों को करेंगे नॉमिनेट
दिल्ली के उपराज्यपाल 12 पार्षदों को मनोनीत करते हैं. इस तरह भाजपा के पार्षदों की संख्या बढ़कर 116 हो जाएंगी. MCD चुनावों में दल-बदल कानून का लागू नहीं होना ही आम आदमी पार्टी के लिए असली खतरा है. सांसद और विधायक अपनी मर्जी से पार्टी नहीं बदल सकते हैं या सदन में पार्टी की मर्जी के बिना किसी मुद्दे पर वोट नहीं कर सकते हैं. दूसरी तरफ मेयर, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के प्रमुख और पार्षदों पर यह नियम लागू ही नहीं होता है. इससे आप को क्रॉस वोटिंग का भी खतरा है.
बीजेपी का कैसे बन सकता है मेयर?
इसके पीछे कई तर्क दिए जा रहे हैं. पहला तो एनजी जिन 12 पार्षदों को नॉमिनेट करेंगे उनके बीजेपी के पक्ष में मतदान की संभावना है. दूसरा चुनाव में दलबदल कानून (Anti- defection Law) लागू नहीं होता, तो आप, कांग्रेस या अन्य से पार्षद छिटक सकते हैं. वहीं एक दिलचस्प बात यह भी है कि मेयर चुनाव के बाद अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है.
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