डीएनए हिंदी: एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चुनाव के समय टिकट बंटवारे को लेकर फिट बैठती है. कांग्रेस के लिए गुजरात चुनाव में एक बड़ी समस्या यह खड़ी हुई है कि पार्टी के नेता टिकट को लेकर टकराव पैदा कर रहे हैं जिसका उदाहरण जमालपुर-खड़िया सीट देखने को मिला है. यहां टिकट न मिलने पर टिकट के दावेदार नेताओं के समर्थकों ने अपनी ही पार्टी के दफ्तर धावा बोल दिया है. इन कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर पार्टी के पोस्टर तक जलाए हैं.
दरअसल, गुजरात की जमालपुर-खड़िया सीट से मौजूदा विधायक इमरान खेड़ावाला को इस बार कांग्रेस ने टिकट दिया है. खास बात यह है कि खेड़ावाला को टिकट देकर कांग्रेस ने अपने ही सिर पर मुसीबत मोल ले ली है. लोगों का कहना है कि कांग्रेस के नेतृत्व ने टिकट बंटवारे में जमकर धांधली की है.
विधायकी का टिकट न मिलने पर अहमदाबाद पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर धरना तक दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ नेता भरत सिंह सोलंकी ने टिकट के बदले खेड़ावाला से पैसे लिए हैं और इसीलिए पार्टी के लिए यह एक खतरा है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस मुस्लिम बहुल सीट से युवा कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद शाहनवाज शेख की दावेदारी को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है जो कि एक बड़ा विषय है.
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विधायकी का टिकट न मिलने पर अहमदाबाद पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर धरना तक दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ नेता भरत सिंह सोलंकी ने टिकट के बदले खेड़ावाला से पैसे लिए हैं और इसीलिए पार्टी के लिए यह एक खतरा है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस मुस्लिम बहुल सीट से युवा कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद शाहनवाज शेख की दावेदारी को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है जो कि एक बड़ा विषय है.
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि जिन विधायक खेड़ावाला को टिकट दिया गया है, उनका टिकट रद्द किया जाए और उस नेता को टिकट दिया जाए जिसे वे चाहते हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे मौजूदा विधायक को फिर से टिकट मिलने के पूरी तरह खिलाफ हैं. उन्होंने पार्टी को पैसे देकर टिकट खरीदा है जिसमें मुख्य भूमिका भरत सिंह सोलंकी की है.
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