Gujarat Election: अल्पेश ने सामाजिक न्याय और हिंदुत्व को जोड़ा, बताई भाजपा में शामिल होने की वजह

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 25, 2022, 08:40 AM IST

भाजपा उम्मीदवार अल्पेश ठाकोर

Alpesh Thakor 2019 में कांग्रेस और विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हालांकि उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

डीएनए हिंदी: पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अल्पेश ठाकोर इस बार भाजपा के प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं. उन्हें भाजपा ने गुजरात में स्टार कैंपनेर भी बनाया है. पिछले चुनाव में सामाजिक न्याय की बातें करने वाले अल्पेश ठाकोर ने इस बार बार हिंदुत्व को भी सामाजिक न्याय से जोड़ दिया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि आम गुजराती खुद को हिंदुत्व से जोड़ता है, भले ही वह पिछड़े वर्ग से आता हो और हिंदुत्व को सामाजिक न्याय से अलग नहीं किया जा सकता. 

एक समय कांग्रेस में रहे अल्पेश ने यह भी कहा कि राहुल गांधी अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता हैं, लेकिन संभवत: वह अच्छे नेता नहीं हो सकते. अल्पेश ठाकोर पिछले विधानसभा चुनाव में उस समय खबरों में आए थे जब उन्होंने गुजरात क्षत्रिय ठाकोर सेना और ओबीसी-एससी-एसटी एकता मंच के संयोजक के रूप में काम किया था और कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में राधनपुर से अपना पहला चुनाव जीता था.

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2019 में वह कांग्रेस और विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हालांकि उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इस बार वह गांधीनगर दक्षिण से किस्मत आजमा रहे हैं जहां ठाकोर समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है.

राधनपुर में लविंगजी ठाकोर के लिए प्रचार कर रहे अल्पेश ठाकोर ने कहा कि उनके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के मुद्दे अब भी महत्वपूर्ण हैं और भाजपा ने इनमें से कई पर ध्यान भी दिया है. उन्होंने PTI से कहा, "पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को प्रभावित करने वाले मुद्दे मेरे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और मैं जिस भी राजनीतिक पक्ष में रहूं, उन्हें उठाता रहूंगा."

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कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर अल्पेश ठाकोर ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के नेताओं की वजह से विपक्षी दल को छोड़ा था. उन्होंने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से राहुल गांधी पर हमला नहीं करुंगा. मैंने कांग्रेस उनकी वजह से नहीं छोड़ी. वह अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता हैं लेकिन संभवत: नेता नहीं. मैंने प्रदेश के नेताओं की वजह से कांग्रेस छोड़ी थी."

अल्पेश ठाकोर ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने की एक वजह यह भी थी कि पार्टी को उनके समुदाय से कोई लेनादेना नहीं था. उन्होंने आरोप लगाया, "कोई समुदाय कितने दिन सत्ता से बाहर रह सकता है. हम भी सत्ता में आना चाहते हैं ताकि अपने लोगों के काम करा सकें. मेरे कार्यकर्ताओं को कांग्रेस में उचित सम्मान नहीं मिला. पार्टी गुमनामी में है लेकिन उसके नेताओं के लिए चुनाव कारोबार का समय है और चुनाव के बाद वे संपत्ति और शानदार कार खरीदते हैं."

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भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आम गुजराती, जिनमें पिछड़े वर्ग के लोग शामिल हैं, खुद को हिंदुत्व से जोड़ते हैं. उन्होंने कहा, "हिंदुत्व पिछड़ों समेत आम गुजरातियों के लिए महत्व रखता है. सामाजिक न्याय में हिंदुत्व शामिल होना चाहिए. आप इसे सामाजिक न्याय से अलग नहीं कर सकते. दोनों विरोधाभासी नहीं हो सकते."

अल्पेश ठाकोर राजनीतिक परिवार से आते हैं और अपने परिवार के जनसंघ से ताल्लुकात को याद करना नहीं भूलते. उनके पिता 1991 की एकता यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी और अल्पेश की एक तस्वीर भी दिखाते हैं. इस बार ठाकोर गांधीनगर दक्षिण से चुनाव लड़ रहे हैं जहां से 2012 और 2017 के चुनाव में भाजपा के शंभूजी ठाकोर ने जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने अपने प्रवक्ता और स्थानीय पाटीदार नेता हिमांशु पटेल को यहां से मैदान में उतारा है, वहीं आम आदमी पार्टी के टिकट पर एक और पाटीदार नेता दौलत पटेल खड़े हैं.

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(भाषा)

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