डीएनए हिंदी: गुजरात में विधानसभा चुनाव के बीच राजनीतिक पार्टियों का प्रचार जोरो पर है. पिछले चुनावों की तरह इस बार भी सरदार पटेल की विरासत को लेकर पार्टियों में जंग छिड़ गई है. कांग्रेस अहमदाबाद के मोदी स्टेडियम का नाम बदलकर सरकार पटेल स्टेडियम करने का ऐलान कर चुकी है. भाजपा सरदार पटेल को सम्मान देने का श्रेय नरेंद्र मोदी को दे रही है. भाजपा की इस दांवे पर सरदार पटेल के परिवार ने भी मोहर लगा दी है.
जी जी न्यूज ने लौह पुरुष के परिवार से बात की. गुजरात के लौह पुरुष सरदार पटेल के परिवार की चौथी पीढ़ी गांव कर्मचंद में रहती है. उनके पौते संदीप पटेल ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल हमेशा राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ थे. उन्होंने परिवार के एक भी सदस्य को राजनीति में नहीं आने दिया.हम भी कभी राजनीति में नहीं जाएंगे.
सरदार पटेल की असली विरासत के हकदार मोदी
सरदार पटेल की चौथी पीढ़ी के संदीप ने सरदार पटेल की असली विरासत का हकदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया. उन्होंने कहा कि जो सम्मान आज़ादी के बाद पटेल जी को मिलना चाहिए था, वो पंडित नेहरू ने नहीं दिया था. पटेल को सम्मान दिलाने का काम मोदी ने किया. सरदार पटेल के सपनों को भी पीएम मोदी ही पूरा कर रहे हैं. आज पूरे विश्व में भारत का डंका बज रहा है. वैसे तो सरदार पटेल ना बीजेपी के हैं और ना ही कांग्रेस के हैं, सरदार पटेल पूरे देश के हैं. सरदार पटेल को लौह पुरुष क्यों कहा जाता है, इस पर भी संदीप पटेल ने बेहद दिलचस्प कहानी सुनाई.
सरदार पटेल के लिए कोई कुछ नहीं करता
सरदार पटेल के पैतृक गांव करमसद स्थित घर को स्मारक के रूप में रखा गया है. यहां कुछ रिपेयर का काम चल रहा है, लेकिन यहां उनके पैतृक घर पर गंदगी जमा है. लोगों ने घर के प्रवेश द्वार पर ही गुटका और पान खाकर थूका गया है. यहां पड़सियों ने कहा कि सरदार पटेल के लिए कोई कुछ नहीं करता है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों सिर्फ़ राजनीति कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने किया गांव का विकास
सरदार पटेल के गांव के लोगों की अलग अलग राय है. हालांकि ज्यादातर का कहना है कि सरदार पटेल को सिर्फ़ पीएम मोदी ने सम्मान दिया है. यहां उनका मेमोरियल बनवाया और गांव का विकास किया. लोगों का कहना है कि सरदार की विरासत के असली हक़दार प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी हैं. गुजरात चुनाव के मुद्दों पर भी स्थानीय लोगों ने बातचीत की. सरदार पटेल की जन्मस्थली के लोग कहते हैं कि 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जब यहां आए थे, तब ही लोगों को पता चला कि यहां सरदार पटेल की जन्मस्थली है. उससे पहले यहां बहुत कम लोग ही आते थे.
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