हिमाचल में चुनाव प्रचार का आखिरी दिन, वादों की बौछार कर रही कांग्रेस, क्या BJP पर बढ़ेगा दबाव?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 10, 2022, 08:09 PM IST

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (फोटो- फेसबुक)

कांग्रेस ने अपनी असली ताकत चुनाव प्रचार के आखिरी दिन ही लगाई है. राहुल गांधी मौजूद नहीं रहे लेकिन उनकी जिम्मेदारी प्रियंका गांधी ने संभाल ली.

डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) विधानसभा चुनावों में कांग्रेस (Congress) जितने मन से अंतिम दिनों में लड़ी, वैसी शुरुआत में लड़ती तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती थी. हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था. आखिरी दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) समेत पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने जमकर कैंपेनिंग की. 

कांग्रेस ने चुनावी राज्य में बीजेपी को घेरने के लिए जो गेम प्लान बनाया, उसका असर चुनावों में नजर आ सकता है. कांग्रेस ने मांग की है कि पुरानी पेंशन नीति को बहाल कर दिया जाए. 

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कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश के 'पुराने पैटर्न' पर है भरोसा

कांग्रेस को उम्मीद है कि हमेशा की तरह हर 5 साल पर एक बार फिर हिमाचल प्रदेश की जनता सरकार बदल देगी. अब तक ऐसा होता आया है कि हिमाचल प्रदेश में हर 5 साल में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर हावी हो जाता है और जनता सरकार बदल देती है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने वादा किया कि अगर कांग्रेस पार्टी सरकार में आती है तो मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया जाएगा.

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का चुनावी टूल रहा पुरानी पेंशन योजना!

प्रियंका गांधी से लेकर राहुल गांधी का हिमाचल प्रदेश चुनावों के लिए एक ही एजेंडा रहा पुरानी पेंशन योजना. सरकारी कर्मचारियों के अलावा किसी आम जनता को लुभाने में इस बार कांग्रेस फेल रही है. कांग्रेस के हर नेता एक सुर में कह रहे है ंकि पुरानी पेंशन सुरक्षा है, एक वादा है, नई पेंशन की तरह सौदा नहीं. हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को कांग्रेस पुराना विश्वास लौटाएगी. राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी तक इसी प्लान पर आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं.

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आखिरी दिन विजय आशीर्वाद रैली कितनी करेगी मदद?

हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया. चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले पार्टी ने सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में विजय आशीर्वाद रैली निकाली थी. इस यात्रा में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता शामिल थे. 

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस के हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. दूसरे नेताओं की तुलना में ये वे नेता हैं, जिनका अपना व्यापक जनसमर्थन भी है. इन यात्राओं में भारी भीड़ भी हुई थी. अगर इसी रफ्तार से कांग्रेस पूरे चुनावों के दौरान रैलियां करती तो बीजेपी को अपनी रणनीति तक बदलनी पड़ जाती.

कर्ज के भार पर हो रही है सियासत!

प्रियंका गांधी समेत दूसरे कांग्रेसी नेता राज्य पर बढ़ते कर्ज के बोझ को भी मुद्दा बनाने की कोशिशों में जुटे रहे. प्रियंका गांधी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर 70 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. आज 15 लाख नौजवान बेरोजगार हैं. आज हिमाचल प्रदेश में 63 हजार पद खाली पड़े हैं. लेकिन बीजेपी सरकार ने नौकरी नहीं दी. नौकरी, बेरोजगारी और महंगाई को मुद्दा बनाने की कोशिश कांग्रेस ने की. देखने वाली बात यह होगी कि इन मुद्दों को जनता मानती है या नहीं.

कब है हिमाचल प्रदेश में वोटिंग?

हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटे हैं. इन सीटों पर वोटिंग 12 नवंबर को होगी. वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी. इस दिन यह साफ हो जाएगा कि नतीजे किसके पक्ष में जाने वाले हैं.

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