डीएनए हिंदी: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की कुढ़नी विधानसभा सीट पर आज शाम प्रचार थम जाएगा. इस सीट पर 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और 8 दिसंबर को वोटों की गिनती के बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे. बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार द्वारा एनडीए से दूसरी बार नाता तोड़ने के बाद यह पहला चुनाव होगा जहां उनकी पार्टी जदयू का भाजपा से सीधा मुकाबला होगा. कुढ़नी विधानसभा में यह उपचुनाव लालू यादव की पार्टी राजद के विधायक अनिल कुमार सहनी को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद हो रहा है. भाजपा ने यहां एकबार फिर से केदार प्रसाद गुप्ता पर भरोसा जताया है जबकि जदयू ने पूर्व मंत्री मनोज कुशवाह पर अपना दांव खेला है.
शुक्रवार को नीतीश-तेजस्वी ने की रैली
कुढ़नी में चुनाव घोषित होने के बाद से भाजपा और जदयू दोनों ही पार्टियों के नेता यहां डेरा डाले हुए हैं. इस चुनाव की अहमियत आप इस बात से लगा सकते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिन्होंने पिछले उपचुनाव में प्रचार नहीं किया था वह यहां कैंपन के लिए पहुंचे. चार महीने पहले हाथ मिलाने वाले नीतीश और तेजस्वी ने शुक्रवार को एक संयुक्त रैली को संबोधित किया. इस दौरान नीतीश कुमार ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अन्य सभी दल साथ आ गए हैं और वे (भाजपा) अकेले रह गए हैं. उनके नेता, जो अपनी ही पार्टी में दरकिनार कर दिए गए हैं, हमें निशाना बनाकर अपनी किस्मत चमकाने की कोशिश कर रहे हैं.
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नीतीश ने भाजपा पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "उनके खेमे में प्रचार-प्रसार के अलावा कुछ नहीं होता. वे विशेष दर्जे की श्रेणी की हमारी मांग से सहमत नहीं थे. अगर मान लिया होता तो बिहार और भी तेज गति से आगे बढ़ता. मुझे लगता है हम पुरानी जगह पर लौट आए हैं. अब हम साथ काम करेंगे."
तेजस्वी ने लालू के नाम पर मांगे वोट
इस दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टी को "2024 की लड़ाई हारने का डर सता रहा है." उन्होंने अपने पिता और राजद के संस्थापक अध्यक्ष लालू प्रसाद के नाम पर वोट की अपील करते हुए कहा, "आप 5 दिसंबर को वोट डालेंगे, जिस दिन लालू जी का किडनी ट्रांसप्लांट होगा. मैं उनके साथ रहने के लिए सिंगापुर जा रहा हूं. मैंने उनसे बात की है और वह जानना चाहते थे कि कुढ़नी में हवा किस तरफ बह रही है. मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि महागठबंधन जीत हासिल करेगा."
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पिछले चुनावों में क्या हुआ.
कुढ़नी विधानसभा सीट साल फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 और साल 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू को जीत मिली थी. इन तीनों ही चुनावों में भाजपा और जदूय एक साथ थे. साल 2015 में हुए चुनाव में यह सीट भाजपा को मिली. 2015 में यहां भाजपा ने जदयू के उम्मीदवार को 12 हजार वोटों से हराया. उन्हें राजद का समर्थन हासिल था जबकि 2020 में यह राजद उम्मीदवार मामूली अंतर से यह सीट जीत गए. अब उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
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