UP Election 2022: कांग्रेस के युवराज जो एक-एक कर हाथ छुड़ाकर अब BJP में कमल खिला रहे हैं

कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वालों की लिस्ट में नया नाम आरपीएन सिंह का है. उन्हें अपने इलाके पडरौना में राजा साहब कहा जाता है.

कांग्रेस में कई राजवंश से ताल्लुक रखने वाले चेहरे आज भी हैं. जैसे कि दिग्विजय सिंह लेकिन कई ऐसे नेता हैं जो राजघराने से ताल्लुक रखते थे और अब कांग्रेस छो़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. इस लिस्ट में सबसे हालिया नाम आरपीएन सिंह का जुड़ा है जिन्हें पडरौना इलाके में आज भी राजा साहब कहा जाता है. जानें इस लिस्ट में और कौन से नाम हैं.

पटियाला राजघराने के अमरिंदर सिंह भी बन गए BJP के साथी

कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला राजघराने से ताल्लुक रखते हैं. पटियाला ही नहीं उन्हें पूरे पंजाब में ही राजा साहेब या कैप्टन साहेब ही कहा जाता है. पंजाब चुनावों से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बना ली है. हालांकि औपचारिक तौर पर वह बीजेपी में शामिल नहीं हुए हैं लेकिन बीजेपी के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ रहे हैं. 

पडरौना के राजा साहब भी अब बीजेपी में

आरपीएन सिंह का पूर्वी यूपी में खासा प्रभाव है. कांग्रेस के टिकट पर वह सांसद रहे हैं और मंत्री भी लेकिन आज उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है. पडरौना इलाके से ही स्वामी प्रसाद मौर्य भी चुनाव लड़ रहे हैं. सिंह को पडरौना ही नहीं बल्कि कुशीनगर और गोरखपुर जैसे इलाकों में भी राजा साहब की कहा जाता है.

अमेठी के राजा साहब भी अब कमल के साथ

अमेठी नेहरू-गांधी परिवार की पारंपरिक सीट है. यहां के राजघराने ने ज्यादातर दौर में कांग्रेस का ही साथ दिया था. अब यह सब पुरानी बात है और अमेठी राजघराने के संजय सिंह जिन्हें इलाके में राजा साहब कहा जाता है ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है. 2019 में वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह भी राजघराने से संबंध रखती हैं. गरिमा पूर्व पीएम वीपी सिंह की भतीजी हैं.

महाराज अब शिवराज के हैं साथ

सिंधिया राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी राहुल गांधी के सबसे खास दोस्त थे. सिंधिया ने भी साल 2020 में बीजेपी का दामन थाम लिया है. पूरे मध्य प्रदेश में उन्हें महाराज कहा जाता है और उनके सहयोग से ही बीजेपी ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिराकर बीजेपी की सरकार दोबारा बनवाई. बीजेपी ने दोबारा सरकार बनवाने पर मुख्यमंत्री तो शिवराज सिंह चौहान को ही बनवाया लेकिन सिंधिया को केंद्र में मंत्री पद जरूर मिला है.