अमेठी में लोकसभा चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी शनिवार को बड़ी जनसभा करने पहली बार पहुंचे. यूपी विधानसभा चुनावों से पहले की गई जनसभा के कई मायने हैं.
UP Election 2022 को देखते हुए कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन पाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है. कांग्रेस महासचिव Priyanka Gandhi खुद सक्रिय हैं. लोकसभा चुनाव हारने के बाद Rahul Gandhi भी 29 महीनों बाद अमेठी पहुंचे. वहां उन्होंने बड़ी जनसभा कर महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा. 5 पॉइंट में समझें कि इस रैली के साथ कांग्रेस का क्या प्लान है यूपी में.
बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा उठाया
राहुल गांधी ने देश में महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि जनता के दुख ये दो मुद्दे हैं. इस पर सवाल करो, तो पीएम और सीएम जवाब नहीं देते. राहुल ने महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को आधार बनाकर जनता की नब्ज पकड़ने की कोशिश की.
कृषि कानूनों का हवाला दिया
तीनों कृषि कानूनों को वापस लाने को आधार बनाकर कांग्रेस की कोशिश है कि यूपी में किसानों से सहानुभूति बटोरी जाए. एक साल से अधिक चले आंदोलन के बाद किसान कानून वापस लिए गए. ऐसे में सभी विपक्षी दलों की कोशिश है कि किसानों की सहानुभूति बटोरकर उन्हें अपने खेमे में कर लिया जाए.
अमेठी से पारिवारिक रिश्ते की दी दुहाई
लोकसभा चुनाव हारने के बाद से अमेठी में राहुल गांधी सिर्फ एक बार आए थे. यह उनकी पहली जनसभा थी. अमेठी के बहाने उन्होंने एक बार फिर अपना दिल का रिश्ता होने की बात कही. उन्होंने कहा कि हर गली आज भी पहले जैसी ही है. हम कल भी साथ थे और आज भी साथ हैं.
अपनापन जतला खोई जमीन पाने की चाहत
जगदीशपुर के रामलीला ग्राउंड से 6 किमी की पद यात्रा करके हरिमऊ पहुंची प्रियंका गांधी ने भी पारिवारिक नातों की दुहाई दी. उन्होंने कहा कि 13 साल की उम्र में पहली बार वह यहां पिता के साथ आई थीं. दरअसल कांग्रेस की कोशिश है कि पुरानी स्मृतियों के बहाने ही सही, खोई हुई जमीन को पाने की कोशिश की जाए.
राहुल-प्रियंका दोनों ने अमेठी से की भावुक अपील
पिछले चुनाव की हार को भुलाकर कांग्रेस अब अमेठी में फिर से सेंध लगाना चाहती है. राहुल और प्रियंका दोनों ने इसलिए अमेठी से पुराने रिश्तों की दुहाई दी. प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि कोरोना महामारी में अमेठी को जो मदद भेजी थी, बीजेपी ने उसे पहुंचने नहीं दिया.