उत्तर प्रदेश में सीएम योगी इस बार अपनी कैबिनेट में कुछ नए बड़े चेहरों को शामिल कर सकतें हैं.
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में प्रचंड बहुमत के साथ चुनाव जीता है लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत पूर्वांचल से आने वाले Yogi Cabinet के कई मंत्री हार गए हैं. वहीं इस बार कुछ नए और बड़े चेहरे जीतकर आए हैं. ऐसे में अब मंत्री पद को लेकर मंथन शुरू हो गया है. ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस बार योगी आदित्यनाथ अपनी कैबिनेट मंत्री जगह देते हैं.
1.नए चेहरों को जगह
भले ही कुछ मंत्री हार गए हों लेकिन कई कैबिनेट मंत्री पिछली बार से भी बेहतरीन मार्जिन से जीतकर आए हैं तो उन चंद मंत्रियों का मंत्री पद तो तय माना जा रहा है. इसी प्रकार यह भी तय है कि कुछ मंत्रियों के पुराने काम-काज के कारण उन्हें बाहर किया जाएगा लेकिन सबसे बड़ी उत्सुकता नए चेहरों को लेकर है जिनमें कुछ बड़े नाम भी हैं.
2.अदिति सिंह
रायबरेली सीट पर पहली बार भाजपा का झंडा फहराने वाली अदिति सिंह की भी लॉटरी लग सकती है. उनको मंत्री बनाकर भाजपा 2024 के चुनाव में सोनिया गांधी का किला ध्वस्त करने की जुगत कर सकती है. स्मृति ईरानी के सहारे पहले ही बीजेपी राहुल गांधी की सीट अमेठी छीन चुकी है और अब पार्टी 2024 में सबसे सोनिया गांधी को हराने की प्लानिंग कर रही है.
3.असीम अरुण
कन्नौज से विधायक चुने गए कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण को मंत्री पद मिल सकता है. उन्हें दलित कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है. उनके पास पुलिस विभाग का लंबा अनुभव है. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने खुद उन्हें चुनाव लड़ने के लिए राजी किया था. यही नहीं असीम अरुण को मंत्री पद से ज्यादा भी कुछ हासिल हो सकता है जिसके लिए चुनाव से पहले डील हुई हो.
4.सुरेंद्र कुमार कुशवाहा
वहीं कुशीनगर की फाजिलनगर सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य को मात देने वाले सुरेंद्र कुमार कुशवाहा को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. पिछड़ी जाति के कोटे से इनके मंत्री बनने की संभावना प्रबल है. कुशवाहा लीडरशिप की कमी पूरी करेंगे, वहीं उन्हें स्वामी प्रसाद मौर्य को हराने का ईनाम भी दिया जा सकता है.
5.श्रवण कुमार निषाद
भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे श्रवण कुमार निषाद गोरखपुर की चौरी चौरा सीट से एमएलए बने हैं. वैसे तो संजय निषाद भी MLC हैं, लेकिन इस बात की संभावना जताई जा रही है कि संजय निषाद अपने बेटे को मंत्री बनवाएंगे. श्रवण को राजनीति में स्थापित करने का इससे बेहतर मौका संजय निषाद को फिर शायद ही मिले.
6.बेबी रानी मौर्य
उत्तराखंड के राज्यपाल के पद पर से इस्तीफा देकर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ने वाली बेबी रानी मौर्या मंत्रियों की रेस में बहुत ऊपर हैं. जाटव बिरादरी की होने के कारण और ऊंची प्रोफाइल होने के कारण उनका नाम मंत्रिमंडल में लगभग तय माना जा रहा है.