डीएनए हिंदी : पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान(Bhagwant Mann) के साथ दस और मंत्रियों ने पद की शपथ ली है. इन ग्यारह मंत्रियों में 7 ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मुक़दमे होने की बात की है वहीं चार लोगों के ख़िलाफ़ दायर मामले काफ़ी गंभीर प्रकृति के हैं. यह जानकारी सोमवार को एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के चुनाव अधिकार समूह ने दी है.
लगभग दो तिहाई मंत्रियों पर हैं आपराधिक मुक़दमे
संस्था के द्वारा दी गई जानकारियों के मुताबिक़ शपथ लेने वाले मंत्रियों में से लगभग दो तिहाई ने अपनी निर्वाचन पत्रिका में ख़ुद के ख़िलाफ़ किसी न किसी तरह के क्रिमिनल केस होने के बारे में जानकारी दी. इनमें से आधे से अधिक पर संगीन अपराध के मामले लंबित हैं.
अस्सी प्रतिशत से अधिक मंत्री हैं करोड़पति
पंजाब(Punjab) के इन नव-निर्वाचित मंत्रियों में अस्सी प्रतिशत से अधिक मंत्री करोड़पति हैं, यानी11 में से 9 मंत्रियों ने अपनी कुल संपत्ति के करोड़ों में होने का ब्यौरा दिया है. इन मंत्रियों की औसत संपत्ति 2.87 करोड़ है. इनमें सबसे अमीर होशियारपुर के विधायक और नव-निर्वाचित मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा हैं. उन्होंने बताया है कि उनके पास कुल 8.56 करोड़ की संपत्ति है जबकि भोआ के विधायक लाल चंद के पास सबसे कम प्रॉपर्टी है. उन्होंने अपने पास कुल 6.19 लाख रूपये की संपत्ति होने का हलफनामा चुनाव आयोग को दिया है. 9 मंत्रियों ने अपने ऊपर कर्ज या देनदारी होने की बात भी की है. सबसे अमीर मंत्री ब्रम शंकर के कर्ज़े भी सबसे अधिक हैं. शिक्षा के मामले में पांच मंत्रियों ने अपनी शिक्षा हाई स्कूल (दसवीं/ बारहवीं) दर्ज की है, अन्य ने स्नातक या ऊपर की डिग्री ले रखी है.
भारतीय कानून दोषियों को नहीं देता है जन-प्रतिनिधि बने रहने का मौक़ा
भारतीय कानून के मुताबिक़ आपराधिक मुकदमें में दोषी साबित होने पर जन-प्रतिनिधि को अपने पद से हाथ धोना पड़ सकता है. सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने जुलाई 2013 में फ़ैसला दिया था कि अगर किसी जन-प्रतिनिधि पर कोई आपराधिक मुक़दमा सिद्ध हो गया और उसे कम से कम दो साल की सज़ा मिली हो तो उसे तुरंत अपने पद से हाथ धोना पड़ेगा.