Punjab विजय के बाद AAP की नजर हरियाणा पर, किन चेहरों पर केजरीवाल को है भरोसा?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 16, 2022, 07:00 AM IST

Arvind Kejriwal with Bhagwant Mann.

AAP बहुत सधे कदमों में हरियाणा में विस्तार की तैयारी कर रही है. हरियाणा की 90 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी दफ्तर खोल रही है.

डीएनए हिंदी: अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब (Punjab) विधानसभा चुनाव 2022 में इतिहास रचा है. पंजाब में AAP की जीत अभूतपूर्व है. भगवंत मान को पंजाब की कमान सौंपने के बाद अब आम आदमी पार्टी की नजर हरियाणा विधानसभा चुनावों पर है. 

टीम अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक रणनीतियों पर नजर रखने वाले जानकार कहते हैं  AAP कार्यकर्ता सधे और संतुलित कदमों से किसी राज्य में चुनावी तैयारियों को अंजाम देते हैं. हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 में होने वाले हैं लेकिन आम आदमी पार्टी अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट गई है.

पांच राज्यों में करारी हार: Congress President Sonia Gandhi ने प्रदेश अध्यक्षों से मांगा इस्तीफा

90 विधानसभा सीटों पर 90 कार्यालय!

आम आदमी पार्टी राज्य की 90 विधानसभा क्षेत्रों में अपने कैडर मजबूत कर रही है. बूथ स्तर पर कैडरों की भर्ती की जा रही है. पार्टी स्थानीय स्तर पर सभी 90 विधानसभा सीटों पर कार्यालय खोल रही है. दूसरी राजनीतिक पार्टियां जहां अभी निश्चिंत हैं, आम आदमी पार्टी अभी से हरियाणा में में माहौल तैयार करने में जुट गई है. पंजाब की जीत से उत्साहित टीम अरविंद केजरीवाल ने खुद को हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारियों में झोंक दिया है. पंजाब का पड़ोसी राज्य होने की वजह से चुनावों पर इसका असर देखने को मिल सकता है. 

क्या अशोक खेमका होंगे AAP के चुनावी फेस?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी पार्टी, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सीनियर अधिकारी अशोक खेमका (Ashok Khemka) को शामिल करा सकती है. पहले भी उन्हें AAP खेमे में लाने की कोशिशें हो चुकी है.  अशोक खेमका की छवि बेहद ईमानदार अधिकारी की रही है. 1991 के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का 30 साल के करियर में 54 बार ट्रांसफर हुआ है. वह 30 अप्रैल 2025 को रिटायर होंगे.

केजरीवाल के पुराने मित्र हैं अशोक खेमका

अरविंद केजरीवाल और अशोक खेमका के बीच 1980 से ही संबंध बेहद अच्छे रहे हैं. जब अरविंद केजरीवाल IIT खडगपुर में पढ़ाई कर रहे थे. ऐसी स्थिति में अगर अशोक खेमका को AAP लाने में सफल होती है तो राज्य में उसे एक बड़ा चुनावी चेहरा मिल जाएगा. सम्मानजनक और उचित पोस्ट मिलने पर वह पार्टी में शामिल भी हो सकते हैं. 

IIT खड़गपुर में पढ़ाई के दौरान अशोक खेमका और अरविंद केजरीवाल क्लासमेट नहीं थे. IIT में कंप्युटर साइंस के छात्र अशोक खेमका थे तो वहीं अरविंद केजरीवाल मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. दोनों एक ही संस्थान से हैं, ऐसे में संबंध बेहद पुराने है. अरविंद केजरीवाल भी ईमानदारी को अपनी कोर वैल्यू बताते हैं तो अशोक खेमका भी इसी दिशा में आगे बढ़ते हैं. हरियाणा में AAP के लिए उनके बेहतर चुनावी चेहरा अभी दिख भी नहीं रहा है.

बुरा न मानो Holi है: नेता जी की फीकी होली, चढ़ा इन्हें न रंग!

30 साल का करियर 54 ट्रांसफर झेल चुके हैं अशोक खेमका

AAP के कई नेता इस बात की ओर इशारा कर चुके हैं कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी के प्रमुख रणनीतिक सलाहकार अशोक खेमका हो सकते हैं. 2024 में पार्टी का चुनावी फोकस इसी ओर है. आम आदमी पार्टी के दिल्ली यूनिट के सचिव ने हाल ही ट्वीट किया था कि अरविंद केजरीवाल के कॉलेज के दिनों के मित्र IAS अशोक खेमका, जिन्होंने अपने 30 साल के करियर में 54 बार ट्रांसफर झेला, वह AAP का नेतृत्व हरियाणा में कर सकते हैं. वह भारतीय प्रशासनिक सेवा, आम आदमी पार्टी में शामिल होने के लिए छोड़ सकते हैं. हालांकि अशोक खेमका ने इस विषय में कुछ भी नहीं कहा है.

AAP का सबसे ईमानदार फेस हो सकते हैं अशोक खेमका

अशोक खेमका ब्यूरोक्रेसी के भीतर बसे भ्रष्टाचार के हमेशा खिलाफ रहे हैं. साल 2012 में वह तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ (DLF) से जुड़े एक लैंड डील के म्यूटेशन को रद्द कर दिया था. तब राज्य और केंद्र दोनों में कांग्रेस की सरकार थी. अशोक खेमका उस वक्त लैंड होल्डिंग डिपार्टमेंट में तैनात थे. उन्हें वहां से ट्रांसफर कर दिया गया था. साल 2014 में जब मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई तब भी अशोक खेमका को राज्य सरकार के निष्क्रिय विभागों में तैनात रखा गया. उनकी स्थिति हर सरकार में एक सी रही. अशोक खेमका लगातार केंद्रीय विभागों में तैनाती की कोशिश कर रहे हैं लेकिन महज एक राज्य तक वह सीमित हो गए हैं क्योंकि उन्हें केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं मिल सकती है. ऐसे में वह राजनीति में भी दस्तक दे सकते हैं. 

दिल्ली, पंजाब और गोवा के बाद किन राज्यों में विस्तार की तैयारियों में जुटी है AAP?

सुशील गुप्ता भी तैयार कर रहे AAP की रणनीति

AAP के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता हरियाणा में पार्टी के प्रभारी हैं. उन्होंने कई इंटरव्यू में यह साफ कहा है कि हरियाणा में नगर पालिका और पंचायत चुनावों में आम आदमी पार्टी उतारेगी. चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है. सुशील गुप्ता यह साफ कर चुके हैं कि पार्टी ने पहले ही राज्य के सभी 90-विधानसभा क्षेत्रों में अपने कार्यालय बना लिए हैं. राज्य की राजनीति में AAP नगरपालिका और पंचायत चुनावों के जरिए एंट्री लेगी और 2024 का विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी.

हरियाणा में विस्तार तलाश रही है AAP

अशोक खेमका अगर आम आदमी पार्टी में शामिल होते हैं तो उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी होगी. ठीक उसी तरह जैसे पंजाब में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) सेवा के अधिकारी कुंवर विजय प्रताप ने अपने पद से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी का हाथ थाम लिया था. अमृतसर उत्तरी सीट से उन्हें बड़ी जीत मिली थी. उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रत्याशी अनिल जोशी को करीब 28,000 वोटों से हरा दिया. 

आम आदमी पार्टी के कई नेता यह दावा कर चुके हैं कि कई सियासी पार्टियों के राजनेता उनके संपर्क में हैं. आम आदमी पार्टी यह ऐलान कर चुकी है कि हिमाचल प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव लड़ेगी. ऐसे में पंजाब की सफलता के बाद अब आम आदमी पार्टी की ओर तेजी से लोग जुड़ना चाहते हैं. हरियाणा में AAP मजबूत पकड़ बना सकती है. 

हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करे.

और भी पढ़ें-
BJP की प्रचंड लहर में भी फिसड्डी साबित हुए ये नेता, 11 मंत्रियों ने गंवाई सीट!
UP Election 2022: किस पार्टी के हिस्से आई कितनीं सीटें, दिग्गजों का क्या रहा हाल? जानें सबकुछ

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 अशोक खेमका सुशील गुप्ता अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी