डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए 2017 से पहले के विज्ञापनों पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि 2017 से पहले की सभी समस्याओं के लिए सरकार ने लाल टोपी पहनने वालों को जिम्मेदार बताया है.
अखिलेश ने एक बयान में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार के 'फर्क साफ है' अभियान को सत्तारूढ़ भाजपा के राजनीतिक प्रचार के लिए धन का दुरुपयोग बताया. उन्होंने कहा कि 2022 में सपा की सरकार बनते ही विज्ञापनों पर खर्च की गई धन राशि की जांच कराई जाएगी. वहीं इस मामले में जो भी अफसर दोषी पाए जाएंगे, वो जांच के दायरे में होंगे.
अखिलेश यादव ने कहा, 'सूचना विभाग का कार्य सरकार की विकास परियोजनाओं और योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना है लेकिन वे विज्ञापन जारी कर रहे हैं जिसमें लोगों को लाल टोपी पहने हुए दिखाया गया है और यह भी बताया गया है कि उनके जरिए आज की स्थिति पिछले दिनों के मुकाबले कैसे बदल गई है. यह बीजेपी का एजेंडा है. 2022 की समाजवादी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस तरह के राजनीतिक प्रचार पर जनता के पैसे को किस हद तक बर्बाद किया गया है, इसका आकलन करने के लिए गहनता से जांच की जाएगी और इसमें शामिल अधिकारियों की भूमिका पर भी गौर करेगी.'
बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम का यह बयान प्रचार अभियान के सिलसिले में आया है जिसमें 'बैड मैन' को अखिलेश यादव, पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और पार्टी के सभी नेताओं सहित सभी सपा पदाधिकारियों द्वारा पहनी जाने वाली लाल टोपी के समान दिखाया गया है.
सपा प्रमुख ने कहा कि 2017 से जब से भाजपा प्रदेश में आई है, वह लोगों के कल्याण को छोड़कर सरकारी तंत्र का खुलेआम दुरुपयोग कर रही है.
अखिलेश ने कहा कि भाजपा शासन महिलाओं के खिलाफ अपराध की परेशान करने वाली घटनाओं से त्रस्त है. किसान जीप के पहिए के नीचे दब गए और पूरी साजिश में एक मंत्री के शामिल होने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
अपराधियों को अवैध शराब के व्यापार में शामिल होने के लिए आश्रय मिला जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई. पिछली सपा सरकार में सरकार ने ऐसी घटनाएं नहीं होने दी थीं. सपा और भाजपा के शासन के बीच अंतर स्पष्ट है और उत्तर प्रदेश के लोगों ने सपा को वोट देने का फैसला किया है.
(इनपुट- आईएएनएस)