डीएनए हिंदी. उत्तर प्रदेश की सत्ता में काबिज होने के लिए भाजपा हर सियासी पैतरा आजमा रही है. पश्चिमी यूपी में इस बार किसान आंदोलन की वजह से भाजपा को नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि जाट मतदाता भाजपा से नाराज हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थितियों को भारतीय जनता पार्टी के अनुकूल बनाने के लिए बुधवार को अमित शाह ने जाट नेताओं से संवाद किया.
प्रवेश वर्मा ने कही बड़ी बात
दिल्ली भाजपा के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के आवास पर हुई इस बैठक को ‘‘सामाजिक भाईचारा बैठक’’ का नाम दिया गया. बैठक के बाद प्रवेश वर्मा ने कहा, "जयंत चौधरी जी ने एक गलत रास्ता चुना है. यहां के समाज के लोग उनसे बात करेंगे और उनको समझाएंगे. हमारा दरवाज़ा उनके लिए खुला है. हम तो चाहते थे कि वो हमारे घर में आए लेकिन उन्होंने दूसरा घर चुना है."
उन्होंने बताया कि बैठक में वेस्ट यूपी के जाट नेताओं ने गृह मंत्री (Home Minister) के सामने अपनी तकलीफें रखीं और गृह मंत्री ने सबकी तकलीफें सुनीं. प्रवेश वर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने सबके सामने यह बात भी रखी कि उनके समाज और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए अभी तक क्या-क्या काम किए हैं और क्या-क्या काम करने जा रहे हैं. सभी ने गृह मंत्री को विश्वास दिलाया कि वो इस बार भी बीजेपी का समर्थन करेंगे.
संजीव बालियान बोले- कोई नहीं चाहते अखिलेश बनें सीएम
बैठक से पहले केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि पहले भी हमें वोट मिला, उम्मीद करता हूं कि इस बार भी मिलेगा. कोई भी नहीं चाहता कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) मुख्यमंत्री बनें. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोई भी अखिलेश यादव को स्वीकार करने को तैयार नहीं है.
जाट समुदाय क्यों है अहम?
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है. पहले चरण में 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा. इसमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर जिले प्रमुख हैं. दूसरे चरण में 14 फरवरी को नौ जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. इसमें सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत प्रमुख जिले हैं.
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पहले दोनों चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मतदान होगा. पिछले चुनावों में भाजपा ने इस इलाके में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन इस बार किसान आंदोलन की वजह से क्षेत्र के किसानों और जाट समुदाय में भाजपा के खिलाफ नाराजगी देखने को मिली है.
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इस क्षेत्र में किसानों, जाटों और दलितों के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी अच्छी है. हर चुनाव में भाजपा पर इस इलाके में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश के आरोप लगते रहे हैं. इस बार भाजपा की ओर से 'पलायन' और ‘‘80 बनाम 20’’ जैसे मुद्दों को उठाकर ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है.