डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election) से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) मुश्किलों में नजर आ रही है. लगातार एक के बाद एक दिग्गज नेता पार्टी से किनारा कर रहे हैं. योगी सरकार (Yogi Government) के मंत्री धर्म सिंह सैनी (Dharm Singh Saini) ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
धर्म सिंह सैनी सहारनपुर की नकुड़ विधान सभा सीट से विधायक हैं. उन्होंने सरकारी आवास और सिक्योरिटी भी छोड़ दी है. हालांकि उन्होंने पार्टी से क्यों इस्तीफा दिया, इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है.
योगी कैबिनेट और बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद धर्म सिंह सैनी ने समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात भी की. सपा बीजेपी नेताओं को लगातार अपने पाले में खींचने की कोशिश कर रही है. स्वामी प्रसाद मौर्य भी इस्तीफे के बाद अखिलेश यादव से ही मिले थे.
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क्यों खुश हैं अखिलेश यादव?
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है कि सामाजिक न्याय के एक और योद्धा डॉ. धर्म सिंह सैनी जी के आने से, सबका मेल-मिलाप-मिलन करानेवाली हमारी 'सकारात्मक और प्रगतिशील राजनीति' को और भी उत्साह व बल मिला है. सपा में उनका ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! बाइस में समावेशी-सौहार्द की जीत निश्चित है.
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी लगातार कोशिश कर रही है कि बीजेपी के बागी नेता सपा में शामिल हों. ज्यादातर इस्तीफा देने वाले नेताओं ने कहा है कि योगी सरकार में पिछड़े तबके पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में सपा लगातार कोशिश कर रही है कि दलित और ओबीसी समीकरण को जल्द से जल्द साध लिया जाए.
3 दिन, 3 मंत्रियों का इस्तीफा, बीजेपी की बढ़ी टेंशन
योगी सरकार और बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया था. इसके बाद वन्य एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने इस्तीफा दे दिया था. अब आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने पार्टी छोड़ दी है. बीजेपी में एक के बाद एक नेताओं के इस्तीफे की वजह से खलबली मच गई है.
3 दिन 7 विधायकों ने छोड़ दी पार्टी
बीजेपी के 7 विधायक बीते 3 दिनों में पार्टी छोड़ चुके हैं. शिकोहाबाद विधानसभा सीट से विधायक मुकेश वर्मा ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. आरोप लगाया कि पार्टी में पिछड़ी जातियों की इज्जत नहीं है. मुकेश स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में बने रहेंगे. अवतार सिंह भड़ाना, ब्रिजेश कुमार प्रजापति, रोशन लाल वर्मा, भगवती सागर और विनय शाक्य ने बीते 36 घंटों के अंतर में पार्टी छोड़ दी है.
क्या है बीजेपी की रणनीति?
राजनीतिक विशेषज्ञों का दावा है जिन उम्मीदवारों के टिकट पर संकट मंडरा रहा था उन्हीं लोगों ने किनारा किया है. जानकारों के मुताबिक अब पार्टी बागी विधायकों को साधने के लिए कोशिश में जुटेगी. उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों के चयन के लिए दिल्ली में हो रही पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक संपन्न हो गई है. इस बैठक में पहले 3 चरणों के लिए उम्मीदवारों के नाम को फाइनल कर दिया गया है. बीजेपी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है. शीर्ष नेतृत्व नेताओं के लगातार हो रहे इस्तीफे पर भी चिंता जाहिर कर रहा है.
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