डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) बेहद नजदीक हैं. साल 2022 में कई सियासी दलों का राजनीतिक भविष्य तय होने जा रहा है. जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सामने सत्ता में दोबारा काबिज होने की चुनौती है तो वहीं विपक्ष भी सत्ता हासिल करने के लिए बेचैन है. चुनाव में सभी सियासी दल युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटे हैं.
विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का शीर्ष नेतृत्व बेहद गंभीर है. इसे लेकर बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में प्रभारियों की नियुक्ति के साथ ही अन्य मोर्चे पर भी किलाबंदी तेज कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पूरब से लेकर पश्चिम तक पूरी यूपी तक एक के बाद एक सियासी दौरे कर रहे हैं. पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र काशी में एक महीने में ही दो बार दौरा कर चुके हैं. पीएम काशी को कई योजनाओं की सौगात भी दे चुके हैं.
उत्तर प्रदेश में लगातार योजनाओं का शिलान्यास भी हो रहा है. प्रधानमंत्री के अलावा गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah), रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), परिवहन मंत्री नितिन गडकारी (Nitin Gadkari) और स्मृति ईरानी (Smriti Irani) भी मैदान में उतर चुकी है. बीजेपी 403 विधानसभाओं में रथ यात्रा निकाल कर अपने पक्ष में माहौल बनाने के प्रयास में लगी है.
Uttar Pradesh Elections में भाजपा जीतेगी कितनी सीटें? अमित शाह ने किया ये दावा
यात्रा में केन्द्र और राज्य के मंत्री अलग-अलग क्षेत्रों में शामिल हो रहे है. इसके अलावा अन्य प्रवासी कार्यकर्ता हर जिले में अलग-अलग नियुक्त किए गए हैं. गृहमंत्री अमित शाह 26 से 31 दिसंबर के बीच न सिर्फ ताबड़तोड़ जनसभाएं और रोड शो करेंगे बल्कि हर जिले में सांगठनिक बैठकें कर कार्यकर्ताओं को जरूरी टिप्स देंगे. रात्रि प्रवास कर जमीनी हकीकत जानेंगे. बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह यूपी के लिए खासतौर पर चुनावी विशेषज्ञ माने जाते हैं. 2014 का लोकसभा चुनाव हो या 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव, यूपी फतह करने में उनकी भूमिका बेहद खास रही.
क्या है Samajwadi Party की तैयारी?
विपक्ष की ओर से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) 2022 में कुर्सी पाने के लिए जातिगत समीकरण में फिट बैठने वाले कई छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुके हैं. इसके अलावा अपने चाचा शिवपाल को भी अपने पाले में ले आए हैं. शिवपाल ने भी उन्हें अपना नेता मान लिया है. उधर पश्चिमी यूपी में जयंत चौधरी के साथ गठबंधन पहले से ही चला आ रहा है. उनके साथ वह संयुक्त रैली भी कर चुके हैं.
सपा को सत्ता पर लाने के लिए उनकी पार्टी के हर छोटे बड़े नेता मैदान में डटे हैं. वहीं अखिलेश यादव विजय रथ यात्रा निकाल रहे हैं. 12 अक्टूबर को कानपुर से समाजवादी विजय यात्रा रथ की शुरूआत के बाद अखिलेश अबतक कई चरण में यात्रा पूरी कर चुके हैं. इसमें कानपुर, कानपुर देहात, जालौन व हमीरपुर जिले में यात्रा निकली थी. इसके बाद यात्रा बुंदेलखंड में बांदा से महोबा, ललितपुर व झांसी में निकाली गई, वहीं कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में भी अखिलेश हुंकार भर चुके हैं. साथ ही जौनपुर में समाजवादी रथ घूम चुका है. इसके अलावा वह अपने गढ़ मैनपुरी से एटा तक की यात्रा कर चुके हैं. यह वोटों में कितना तब्दील होगा यह तो आने वाला समय तय करेगा.
BSP के सामने क्या हैं चुनौतियां?
बहुजन समाज पार्टी के सामने मिशन 2022 जीतना बड़ी चुनौती है. जातीय नेताओं के अभाव में जूझ रही पार्टी की बागडोर मायावती ने इन दिनों सतीश चन्द्र मिश्रा के कंधों पर है. उनका पूरा परिवार पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने के लिए मेहनत कर रहा है. प्रबुद्ध सम्मेलन के जारिए उन्होंने प्रचार का आगाज किया था. इन दिनों वह सुरक्षित सीटों सेंधमारी के प्रयास में जुटे हैं. उन्हें कितनी सफलता मिलेगी यह तो भविष्य बताएगा.
सत्ता में आने के लिए जी जान से जुड़ी है Congress
कांग्रेस (Congress) भी सत्ता में आने के लिए होड़ में लगी है. सरकार बनाने का लगातार दावा भी कर रही है. महिलाओं के लिए कुछ अलग योजनाओं की घोषणा कर वह अपना माहौल बनाने में लगी है. इसके अलावा कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मैदान में उतारकर बाजी पलटने के फिराक में है. हलांकि वह कितनी कामयाब होगी यह तो वक्त तय करेगा.
AIMIM की क्या हैं तैयारियां?
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी यूपी के विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें झटकने के लिए हांथ-पांव मार रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि यूपी विधानसभा चुनाव में सभी दलों सामने चुनौतियां है. बीजेपी अपनी कुर्सी को बचाने के लिए पूरी-दमदख के साथ जुटी है. समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक पीएम मोदी से लेकर सारे शीर्ष नेता लगातार यूपी का दौरा कर रहे हैं. पार्टी ने पूरी प्रदेश को मथने की कवायद 6 यात्राओं के जरिए शुरू की है. पीएम से लेकर सारे नेता पूरी ताकत झोंक रखे हैं. उधर एसपी और अन्य दल भी रथयात्रा व अन्य माध्यमों से पूरा जोर लगाएं है. संघर्ष बड़ा रोकच होगा.
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