डीएनए हिंदी: कांग्रेस (Congress) ने विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के लिए 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. कांग्रेस की पहली लिस्ट में 50 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस के इन 125 उम्मीदवारों में 50 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं.
महिलाओं को बड़ी संख्या में टिकट देने पर प्रियंका गांधी ने दूसरी पार्टियों को भी संदेश दिया. उन्होंने कहा कि हमने महिलाओं की बात शुरू की तो सभी पार्टियां घोषणाएं करने लगीं. भारतीय जनता पार्टी (BJP), समाजवादी पार्टी (SP), रालोद (RLD), बसपा (BSP) सबने घोषणाएं कीं. हमारी सफलता यही है कि अब महिलाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
महिला उम्मीदवारों की लिस्ट पर क्या बोलीं Priyanka Gandhi?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तरप्रदेश में नई राजनीति की शुरुआत हो रही है. हमारे प्रत्याशी नया विकल्प देने वाले प्रत्याशी हैं. हमरे प्रत्याशी नई ऊर्जा, युवा ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय की बुलंद आज के प्रतीक हैं. उन्नाव की उस लड़की की मां हमारी प्रत्याशी है जिसने सत्ताधारी दल के रेप आरोपी विधायक के खिलाफ न्याय का संघर्ष किया. शाहजहांपुर की वो आशा बहन हमारी प्रत्याशी है जो मुख्यमंत्री की सभा में अपना हक मांगने पहुंची तो उसको पीट-पीट कर उसका हाथ तोड़ दिया गया, लेकिन उनकी आवाज नहीं दबा सके .
UP Election 2022: Congress ने जारी की पहली लिस्ट, 125 उम्मीदवारों में 50 महिला प्रत्याशी भी शामिल
प्रियंका गांधी ने कहा कि लखीमपुर की वो जनप्रतिनिधि हमारी प्रत्याशी है जिसने बीजेपी के खिलाफ ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने की हिम्मत जुटाई तो बीजेपी वालों ने उसका चीरहरण किया, लेकिन उसका मनोबल नहीं गिरा पाए. लखनऊ की वो महिला हमारी प्रत्याशी है जिनको नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के चलते प्रताड़ित किया गया लेकिन वह फिर भी सच्चाई के साथ डंटी रही.
कौन हैं कांग्रेस की महिला प्रत्याशी?
1. रितु सिंह: ब्लॉक प्रमुख चुनावों के दौरान कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की हिंसा का शिकार हुई थीं. कांग्रेस महासचिव का दावा है कि उनके साथ बदसलूकी की गई थी और चुनाव लड़ने से रोका गया था.
2. पूनम पांडेय: आशा पांडेय एक आशा कार्यकर्ता हैं. प्रियंका गांधी ने कहा कि आशा बहनें कोरोना के समय उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की जान थीं. उन्होंने अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना लगकर अपनी ड्यूटी दी. जब आशा बहनें शाहजहांपुर में अपना मानदेय बढ़ाने की मांग लेकर पहुंची तो पूनम पांडेय समेत सभी आशा बहनों को निर्ममता से पीटा गया. पूनम पांडेय न्याय की वो आवाज हैं जिन्होंने सम्मानजनक मानदेय की लड़ाई छोड़ी नहीं.
3. सदफ जफर: सदफ जफर एक समाजिक कार्यकर्ता हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान सदफ जफर पर झूठे मुकदमे लगाए गए. पुरुष पुलिस ने उन्हें पीटा. उनके बच्चों से अलग करके उनको जेल में डाला गया.
4. अल्पना निषाद: अल्पना निषाद के बारे में बताते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि नदियां निषादों की जीवनरेखा हैं. नदियों और उनके संसाधन पर निषादों का हक होता है. बसवार, प्रयागराज में बड़े खनन माफियाओं के दबाव के चलते निषादों को नदियों से बालू निकालने के लिए भाजपा सरकार की पुलिस ने पीटा. इसमें अल्पना निषाद ने संघर्ष किया. निषादों के हक की आवाज बनीं.
प्रियंका ने मुख्यमंत्री का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि बेरोजगार नौजवानों का प्रतिशत क्यों नहीं गिना जा रहा है? क्या वे महत्वपूर्ण नहीं हैं? जिन महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है, उनके बारे में क्यों नहीं सोचा जा रहा है? एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस चुनाव के बाद भी उत्तर प्रदेश में रहूंगी, काम करती रहूंगी. मेरा प्रयास है कि उत्तर प्रदेश में मैं अपनी पार्टी को मजबूत करके आगे बढ़ाऊं. अगर पार्टी कहेगी कि हमारी भूमिका कहीं और भी होनी चाहिए तो वह भी करूंगी.
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