डीएनए हिंदी: कन्नौज विधानसभा सीट को सपा का गढ़ माना जाता है. सपा इस सीट से हैट्रिक लगा चुकी है. उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में आने वाली इस सीट पर साल 2017 में कुल 40.17 प्रतिशत वोट डाले गए थे. इसके अलावा 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद भाजपा को यहां से हार का मुंह देखना पड़ा था.
कैसा रहा है चुनावी इतिहास?
इतिहास की बात करें तो कन्नौज सीट पर हुए कुल 17 चुनावों में से पांच बार कांग्रेस का कब्जा रहा है. 1980 और 85 के चुनावों में कांग्रेस के बिहारी लाल दोहरे विजेता रहे. बिहारी लाल दोहरे के बेटे अनिल दोहरे इस समय सपा के विधायक हैं. इसके बाद राम लहर के दौरान 1991, 1993 और 1996 में भाजपा ने इस सीट पर अपना परचम लहराया. वहीं 1999 में जब मुलायम सिंह यादव कन्नौज से संसदीय चुनाव लड़े तो यह सीट सपा का गढ़ बन गई. 2002 में यहां से सपा के कल्याण सिंह दोहरे ने जीत हासिल की तो 2007 में वह बसपा से चुनाव लड़े और सपा के अनिल दोहरे ने उन्हें हरा दिया. अनिल 2012 और 2017 में फिर जीते.
2017 का रिपोर्ट कार्ड विजेता पार्टी | सपा |
विजेता का नाम | अनिल दोहरे |
प्राप्त वोट | 99,635 |
निकटतम प्रतिद्वंद्वी | बनवारी लाल दोहरे |
पार्टी | बीजेपी |
प्राप्त वोट | 97,181 |
हार का अंतर | 2,454 |
तीसरे नंबर पर | बसपा |
पार्टी | अनुराग सिंह |
प्राप्त वोट | 44,182 |
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क्या है इस बार का हाल?
पिछले तीन चुनावों पर लगातार अपनी जीत दर्ज कर चुके सपा के अनिल दोहरे इस बार भी मैदान में हैं. हालांकि भाजपा ने इस बार नया दांव खेला है. बीजेपी ने इस बार कानपुर में पुलिस कमिश्नर रहे असीम अरुण को चुनावी मैदान में उतारा है. भाजपा ने उन्हें गृह जनपद से राजनीति में प्रवेश कराकर समाजवादी पार्टी का किला जीतने की कोशिश की है.