डीएनए हिंदीः एक चुनाव कभी-कभी दाग बनकर रह जाता है जिसे मिटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 भाजपा के लिए भी कुछ ऐसे ही दाग का पर्याय है. पार्टी ने संभवतः उस चुनाव को बेहद हल्के में लिया था जिसका नतीजा ये हुआ कि पार्टी 22 वर्षों के शासन में पहली बार 100 सीटों से नीचे आकर 99 पर ठहर गई है. इन सभी कारणों को लेकर ही इस वर्ष मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट को बदल दिया गया था. वहीं गृहमंत्री अमित शाह के गुजरात दौरों में लगातार विस्तार दिख रहा है. स्पष्ट है कि भाजपा अब इस चुनाव में बिल्कुल भी ढील नही रखना चाहती है.
अमित शाह का गुजरात दौरा
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भाजपा का चाणक्य माना जाता है. ऐसे में उनके गुजरात दौरों की संख्या लगातार वृद्धि हो रही है. हाल ही में उन्होंने सूरत में कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के नेताओं से चर्चा कर चुनावी रोडमैप तैयार किया है. उन्होंने कहा, "अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में, मैं चाहता हूं कि भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में आजादी के बाद के सभी विधानसभा चुनावों के रिकॉर्ड टूट जाएं."
वादों पर खरी भाजपा
अमित शाह ने इस दौरान जनता को भी संबोधित किया. उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए ये तक कह दिया है कि मोदी सरकार ने चुनाव में वादे किए थे, वो अब पूरे हो चुके हैं. उन्होंने कहा, "हमारे देश में सर्जिकल स्ट्राइक हो, एयर स्ट्राइक हो, अनुच्छेद 370 को खत्म करना हो या अयोध्या में भगवान राम का मंदिर… ये सभी चुनावी वादे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे किए हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में हम सभी को संगठन और राज्य के सीएम की टीम द्वारा निर्धारित जीत के लक्ष्य का समर्थन करना है."
अतिसक्रिय है भाजपा
ऐसा नहीं है कि ये अमित शाह का पहला दौरा है. विजय रुपाणी सरकार के जाने से ठीक पहले उनका दौरा हुआ था जिसके बाद तुरंत ही मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट का इस्तीफा हो गया था. पार्टी में बागियों को मनाने से लेकर संगठन को मजबूत करने के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह अपनी पूरी नजरें रखे हुए हैं. इतना ही नहीं, बीजेपी आलाकमान की सक्रियता भी अब गुजरात में बढ़ गई है.
भाजपा की सक्रियता की वजह विधानसभा चुनाव 2017 में पार्टी का मुश्किल से जीता था. कांग्रेस ने पार्टी को कड़ी टक्कर दी थी एवं इन सबके चलते पार्टी को चुनाव में अधिक प्रचार कर रही है. ऐसे में अब भाजपा पिछली गलतियों से सीखते हुए विधानसभा चुनाव में अधिक ताकत दिखा रही है, जिससे चुनाव के अंतिम क्षणों में मुसीबत का सामना करना पड़ेगा.