डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी (Siliguri) में 12 फरवरी से महानगरपालिका के चुनाव शुरू होंगे. ऐसे में शहर के कई दमदार प्रत्याशी चुनाव प्रचार कर रहे हैं लेकिन अब यहां एक अलग ही नजारा देखने को मिला है. शहर की गलियों में जो पोस्टर और बैनर लगवाए गए हैं उनमें लिखा गया है कि इस बार सिलीगुड़ी में दीदी को ही रहने दो. खास बात यह है कि ये पोस्टर तृणमूल कार्यकर्ताओ ने नहीं बल्कि BJP कार्यकर्ताओ ने ही लगाए हैं. ये सभी बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं लेकिन ममता के समर्थन में पोस्टर लगवा रहे हैं.
वहीं इस इस घटना को लेकर सिलीगुड़ी के बीजेपी विधायक डॉक्टर शंकर घोष ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह शासक दल (TMC) के ही पुराने समर्थक हैं जो बीजेपी में कभी शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता इतने कमज़ोर नहीं कि अटल बिहारी वाजपयी, दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुख़र्जी का नाम लेकर इस तरह के पोस्टर लगाएंगे.
बीजेपी विधायक ने इन पोस्टर लगाने वालों को लेकर कहा कि जिन लोगों को चुनाव में हारने का डर है वो ही लोग ऐसे कार्य कर सकते हैं. वामपंथियों की इस वक़्त जो स्थिति है इससे नहीं लगता की यह उनका काम है. गौरतलब है कि इस घटना को लेकर बीजेपी विधायक ने सीधा निशाना ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी पर साधा है.
बीजेपी विधायक ने कहा, “जो लोग केवल रात में अवैध बालू चोरी, गाय की तस्करी ,कोयला माफिया जैसे जघन्य काम करते हैं यह वही बेनामी लोग हैं और इसीलिए उन लोगों ने ऐसे बेनामी पोस्टर छपवाए हैं. इस घटना की जानकारी सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर समेत SDO को भी दी गई है."
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बीजेपी विधायक के आरोपों से इतर इन पोस्टरों के बारे में दार्जीलिंग ज़िले के तृणमूल प्रवक्ता बैद्यब्रत दत्त ने बताया कि असल में अंदर ही अंदर कुछ दल आपस में जुड़ गए हैं या टीएमसी के सम्पर्क में है और बीजेपी के खिलाफ लड़ाई कर रहे है जिसमें से कुछ सामने आ गए हैं. उन्होंने बीजेपी विधायक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और इसे बीजेपी की आंतरिक कलह करार दिया है.
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