डीएनए हिंदी: यूपी में दूसरे चरण की 55 सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होना है. सभी पार्टियां आखिरी दिनों में पूरा जोर लगा रही हैं. 2017 के चुनावों में इन 55 सीटों पर बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था. इस बार यूं तो मुख्य रूप से मुकाबला बीजेपी और सपा-आरएलडी गठबंधन के बीच ही माना जा रहा है.
2017 में इन 55 सीटों पर ऐसा था नतीजा
दूसरे चरण की 55 सीटों की यदि बात की जाए तो 2017 के चुनावों में बीजेपी का दम देखने को मिला था. 55 में से दो तिहाई से ज्यादा सीटें बीजेपी को मिली थी. बीजेपी ने इस बार भी इस क्षेत्र में वोटरों को जोड़े रखने के लिए जमकर मेहनत की है.
पिछले चुनाव में ऐसा था नतीजा:
पार्टी | सीटें |
बीजेपी | 38 |
कांग्रेस | 02 |
एसपी | 15 |
ृ
BSP का नहीं खुला था खाता
2017 के चुनावों के लिहाज से बीएसपी के लिए ये 55 सीटें बेहद निराशाजनक थीं. इनमें से एक भी सीट पर पार्टी को जीत नहीं मिली थी. इस बार भी इन सीटों पर ओपिनियन पोल और चुनाव पूर्व के सर्वे में कोई उत्साही खबर मायावती की पार्टी के लिए नहीं आ रही है. हालांकि नतीजे आने से पहले तक हर पार्टी के लिए उम्मीद तो बरकरार रहती ही है. उत्तर प्रदेश चुनाव नतीजों के लिहाज से ये 55 सीटें अहम हैं.
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दागी उम्मीदवारों की लिस्ट भी लंबी
दूसरे फेज पर जिन 55 सीटों पर चुनाव हैं वहां से बड़ी संख्या में दागी उम्मीदवार भी खड़े हुए हैं. एसपी ने 52 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से 35 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. कांग्रेस के 54 में से 16, बीएसपी के 55 में से 20, बीजेपी के 53 में से 18, आरएलडी के 3 में से एक और आप के 49 में से 6 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
आजम खान की किस्मत का होगा फैसला
दूसरे फेज के चुनावों में आजम खान और उनके बेटे की किस्मत का फैसला होगा. आजम रामपुर चुनाव लड़ रहे हैं. उन पर कुल 87 केस चल रहे हैं. रामपुर जिले की ही स्वार सीट से आजम के बेटे भी उम्मीदवार हैं. देखना है कि लंबे समय तक जेल में रहने के बाद आजम के बेटे पर जनता प्यार बरसाती है या नहीं. रामपुर सीट से एसपी के बुजुर्ग नेता का फैसला भी होना है.
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