डीएनए हिंदी: कांग्रेस पार्टी (Congress Party) प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के नेतृत्व में UP Election 2022 के लिए अपनी दावेदारी ठोक रही है. वहीं कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में ही विधायक आदिति सिंह (Aditi Singh) ने पाला बदल लिया है. अदिति को बीजेपी (BJP) ने रायबरेली सदर सीट से टिकट भी दे दिया है. ऐसे में अब अदिति सिंह प्रियंका के लिए मुसीबत बढ़ा रही हैैं.
चुनाव लड़ने की दी चुनौती
अदिति सिंह ने पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. वहीं प्रियंका को अपने खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. उन्होंने कांग्रेस के ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं' कैंपेन को लेकर हमला बोला है. अदिति ने प्रियंका के रायबरेली में चुनाव लड़ने को लेकर चुनौतीपूर्ण अंदाज में कहा, “अगर ऐसा होता है तो बहुत अच्छा होगा. हमेशा के लिए कुछ चीजें साफ हो जाएंगी. मैं उनके रायबरेली से लड़ने का स्वागत करूंगी.”
कांग्रेस के UP Election 2022 के चुनावी कैंपेन 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' को ढकोसला बता दिया है. उन्होंने कहा, “यह एक राजनीतिक स्लोगन के अलावा कुछ नहीं है क्योंकि जमीन पर कांग्रेस के लिए कुछ भी नहीं है. अगर कांग्रेस सच में इसको लेकर गंभीर है तो उन राज्यों में इसे क्यों लागू नहीं किया गया जहां पार्टी अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति में हैं. अन्य राज्यों में तो महिलाओं को 20% टिकट भी नहीं दिए गए. गोवा में पार्टी ने 28 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें सिर्फ दो महिलाएं हैं."
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कांग्रेस के लिए मुश्किल चुनौती
गौरतलब है कि कांग्रेस की स्थिति अब पार्टी के राजनीतिक गढ़ अमेठी(Amethi) और रायबरेली (Raebareli) भी सुरक्षित नहीं रहे है. यही कारण है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका के नेतृत्व के बावजूद कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेठी से हार गए थे. वहीं रायबरेली में पार्टी के पास आज की स्थिति में कोई विधायक नहीं है. पिता की राजनीतिक विरासत को संभाल रहीं अदिति सिंह भी भाजपा में जा चुकी हैं. ऐसे में यहां आज की स्थिति में कांग्रेस के पास कोई भी सुरक्षित सीट नहीं नहीं मानी जा सकती है.
सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और डिप्टी सीएम (Keshav Prasad Maurya) केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है और अब सभी की निगाहें इस बात पर अटकी है क्या प्रियंका गांधी भी रायबरेली की किसी सीट से चुनाव लड़ेंगी क्योंकि उनको सीधी चुनौती उनकी ही पूर्व सहयोगी द्वारा दी जा रही है.
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वहीं एक खास बात यह है कि यदि इन चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो पार्टी को रायबरेली में संघर्ष करना पड़ सकता है. ऐसे में पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी के लिए रायबरेली से लोकसभा चुनाव 2024 जीतना अधिक मुश्किल हो सकता है.