UP Election 2022: स्वामी प्रसाद मौर्य पर भड़की BSP, सपा में जाने पर दिया बड़ा बयान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 15, 2022, 07:27 AM IST

BSP नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने मायावती पर आरोप लगाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोलते हुए उनके सपा जॉइन करने पर सवाल उठा दिए हैं.

डीएनए हिंदी: UP Election 2022 में मतदान के पहले भाजपा (BJP) को दलबदलुओं के कारण बड़ा झटका लग रहा है लेकिन सबसे बड़ा झटका पार्टी को स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने दिया. स्वामी ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सदस्यता लेते हुए भाजपा के खिलाफ तगड़ा हमला बोला है. वहीं भाजपा के साथ ही बसपा (BSP) के खिलाफ भी बयानबाजी से बसपा भड़क गई है और पार्टी ने स्वामी पर आरोप लगाया कि वो जिन्हें गाली देते थे उन्हीं की गोद में जाकर बैठ गए.  

मायावती पर बोला था हमला

दरअसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने UP Election 2022 के ठीक पहले सपा की सदस्यता लेते हुए बसपा पर भी हमला बोल दिया. उन्होंने कहा, "मैं जिसका साथ छोड़ता हूं, उसका अता-पता नहीं रहता. बहनजी (मायावती) इसका जीता जागता उदाहरण हैं. वह बाबा साहब और कांशीराम के सिद्धांतों से हट गई थीं. उनको घमंड हो गया था. बहन मायावती ने दूसरा नारा दिया कि 'जिसकी जितनी तैयारी, उसकी उतनी भागीदारी.' वह थैली वालों के साथ खड़ी हो गई थीं.” स्वामी ने पूर्व सीएम मायावती (Mayawati) पर टिकटों की ख़रीद तक का आरोप लगा दिया. 

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भड़क गए बसपा नेता 

UP Election 2022 में बसपा की सक्रियता बेहद कम है लेकिन स्वामी के बयान पर पार्टी भड़क गई है. पार्टी में नंबर दो माने जाने वाले नेता सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर‌ हमला बोलते हुए कहा, “अपने पुराने वक्तव्य याद कीजिए, समाज को बांटने वाली भाजपा व अपराधियों को संरक्षण देने वाली समाजवादी पार्टी में अब जाकर स्वामी प्रसाद मौर्य जी आप समाज को क्या संदेश दे रहे हैं? समाजवादी पार्टी को गाली देने वाले आज खुद समाजवादी की गोद में जाकर बैठ गए हैं."

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सपा में शामिल हुए स्वामी

गौरतलब है कि UP Election 2022 की आचार संहिता लागू होने के बाद ही योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ने इस्तीफा दे दिया था और भाजपा छोड़ सपा में चले गए हैं. ऐसे में बसपा को लेकर दिया गया बयान और उस पर आया रिएक्शन इन चुनावों में बसपा को एक्टिव कर सकता है जो कि स्वामी प्रसाद मौर्य के आने से दलित वोटों की उम्मीद लगाकर बैठे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की प्लानिंग को खराब कर सकता है.

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