डीएनए हिंदीः कैंपियरगंज विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में के अंर्तगत आती है. इस सीट पर 2017 में भाजपा ने जीत हासिल की थी. यह सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है. कैंपियरगंज सीट के लिए अब तक 2 बार चुनाव हुए हैं जिसमें फतेह बहादुर सिंह ने जीत हासिल की थी. फतेह बहादुर को टक्कर देने के लिए सपा ने इस बार भोजपुरी अभिनेत्री काजल निषाद को मैदान में उतारा है. यहां 3 मार्च को वोट डाले जाएंगे.
भाजपा-सपा में मानी जा रही लड़ाई
आगामी चुनावों के लिए इस सीट से भाजपा ने मौजूदा विधायक फतेह बहादुर सिंह को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने सुरेश निषाद को टिकट दिया है. सपा ने भोजपुरी एक्ट्रस काजल निषाद पर विशवास जताया है.
फतेह बहादुर सिंह बनाम चिंता यादव की रही थी लड़ाई
2012 और 2017 के चुनावों में कैंपियरगंज से चिंता यादव और फतेह बहादुर के बीच मुकाबला था. 2017 के चुनावों में इस सीट से भाजपा के फतेह बहादुर ने 32,854 वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की थी. उन्हें 91,636 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर 58,782 वोटों के साथ कांग्रेस के चिंता यादव और तीसरे स्थान पर 39,243 वोटों के साथ बसपा के आनंद निषाद रहे थे. 2012 के चुनावों में भी इस सीट पर भाजपा के फतेह बहादुर ने जीत हासिल की थी.
पढ़ें: VIP Security: एसपी सिंह बघेल के अलावा BJP के इतने नेताओं को मिला VIP सुरक्षा कवच
फतेह बहादुर सिंह फिर जीतेंगे?
मौजूदा समय में कैंपियरगंज विधानसभा सीट से फतेह बहादुर सिंह भाजपा से विधायक हैं. 2012 के चुनावों में फतेह बहादुर सिंह एनसीपी के टिकट पर लड़े थे और जीते भी थे. 2017 के चुनावों में वह भाजपा में शामिल हो गए और जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. अगर फतेह बहादुर सिंह इस बार फिर जीत हासिल करते हैं, तो वह तीसरी बार विधायक बन जाएंगे. फतेह बहादुर सिंह के पिता वीर बहादुर सिंह यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
निषाद जाति के वोट रखते हैं मायने
कैंपियरगंज विधानसभा सीट पर कुल 374971 मतदाता हैं. इनमें 204250 पुरुष मतदाता और महिला मतदाता 170721 है. इस सीट पर 40% वोट निषाद जाति के माने जाते हैं. जबकि यादव और कुर्मी मतदाता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. निषाद वोटों को देखते हुए सपा ने काजल निषाद को उम्मीदवार बनाया है.
पढ़ें: UP Election 2022: क्या बढ़ेंगी अखिलेश की मुश्किलें? AIMIM और Peace Party ने मिलाया हाथ
हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.