डीएनए हिंदी: यूपी की राजधानी लखनऊ में आने वाली 5 विधानसभा सीटों में सबसे अहम सीट है लखनऊ कैंट. बीजेपी के सुरेश चंद्र तिवारी यहां से विधायक हैं. वह 2019 में हुए उपचुनावों में यहां जीते थे. 2019 में डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद लखनऊ कैंट के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था.
इससे पहले जब 2017 में यहां विधानसभा चुनाव हुए थे तब रीता बहुगुणा जोशी ने समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार अपर्णा यादव को 33, 796 वोटों के अंतर से हराया था. लखनऊ कैंट सीट में सदर बाजार, आलमबाग, चारबाग, कृष्णा नगर जैसे इलाके आते हैं. इस बार यहां 23 फरवरी को मतदान होना है. देखना होगा कि बीजेपी के इस मजबूत गढ़ को इस बार कौन सी पार्टी तोड़ पाती है.
क्या रहा है इतिहास
पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि लखनऊ कैंट विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ रही है. इस सीट से बीजेपी के सुरेश चंद्र तिवारी चौथी बार विधायक हैं. आजादी के बाद के चुनावों से लेकर अब तक के नतीजे देखें तो कांग्रेस और बीजेपी की टक्कर बराबरी की रही है. यहां से 7 बार कांग्रेस जीती है तो 7 ही बार बीजेपी ने भी जीत दर्ज की है.
UP Election 2022: पलायन, मुगल, RLD पर नरम... जाट वोट साधने के लिए अमित शाह का खास प्लान
1957 में यहां पहली बार जब चुनाव हुए तब कांग्रेस के श्याम मनोहर मिश्रा ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद सन् 1991 में यहां पहली बार बीजेपी को जीत मिली. वहीं सपा और बसपा उम्मीदवारों पर अब तक यहां की जनता ने एक बार भी भरोसा नहीं जताया है.
इस बार कौन है मैदान में
इस बार 2022 के विधानसभा चुनावों में लखनऊ कैंट विधानसभा सीट पर बीजेपी ने बृजेश पाठक को उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर राजू गांधी को उतारा है. बसपा ने अनिल पांडेय को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस के टिकट पर दिलप्रीत सिंह डीपी चुनाव मैदान में हैं. इस बार यहां आम आदमी पार्टी भी मैदान में है. आप ने अजय कुमार को उम्मीदवार के तौर पर उतारा है.
Goa election 2022: बीजेपी को पूरी टक्कर देने की तैयारी में कांग्रेस और AAP, इन चार चेहरों पर रहेगी सबकी नजर