UP Election 2022: बसपा छोड़कर गए नेता को सपा से नहीं मिला टिकट, Maharajganj में अब दिलचस्प मुकाबला

पुष्पेंद्र शर्मा | Updated:Feb 17, 2022, 10:31 PM IST

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महाराजगंज सांस्कृतिक विरासत के लिए पहचाना जाता है. यहां का फरुवाही नृत्य मशहूर है.

डीएनए हिंदी: नेपाल की सीमा से लगी महाराजगंज विधानसभा सीट पर छठे चरण में 3 मार्च को मतदान होगा. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक जयमंगल कनौजिया ने 1,25,154 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. उन्होंने बसपा प्रत्याशी निरमेश मंगल को शिकस्त दी थी. निरमेश को 56793 वोट मिले थे. 

इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जयमंगल कनौजिया को ही टिकट दिया है. वहीं बसपा छोड़कर सपा में गए निरमेश को टिकट नहीं मिला इसलिए उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. सपा ने गठबंधन से सुभासपा की टिकट पर गीता रत्ना पासवान को मैदान में उतारा है. 

कौन हैं गीता रत्ना
परतावल की रहने वाली गीता रत्ना 1996 से राजनीति में सक्रिय हैं. साल 2000 में उन्होंने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़कर राजनीतिक शुरुआत की और उन्हें जीत मिली. वर्ष 2002 में सदर विधानसभा से वह निर्दलीय विधायक का चुनाव लड़ चुकी हैं. इस समय वे सपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष हैं.

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अब तक यह रहा है रिकॉर्ड 
महाराजगंज विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था. इसमें कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1967, 1974 और 1985 में भी कांग्रेस ने जीत हासिल की लेकिन बीजेपी ने 1991 में कांग्रेस की जीत का सिलसिला तोड़ दिया. 1991 में बीजेपी के राम प्‍यारे आजाद विधायक बने. इसके बाद 1993 से लेकर 2007 तक भाजपा के चंद्र किशोर ने जीत दर्ज की. 2007 में इस सीट पर सपा का कब्जा हो गया. सपा प्रत्‍याशी श्रीपति ने महज 889 वोट से बसपा के निर्मेष मंगल को हराया था. भाजपा प्रत्‍याशी व निवर्तमान विधायक चंद्र किशोर तीसरे स्‍थान पर रहे थे. 2012 में भी सपा के सुदामा ने यह सीट जीती थी. इसके बाद पिछले चुनावों में बीजेपी के जयमंगल ने जीत हासिल की.

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यह है ​वोटर्स की स्थिति 
महाराजगंज सदर सीट पर अनुसूचित जाति के करीब 97 हजार मतदाता हैं. वहीं यादव वोटर करीब 65 हजार, ब्राह्मण 48 हजार, वैश्‍य 56 हजार, क्षत्रिय करीब 45 हजार और मुस्‍लिम वोटर करीब 44 हजार हैं. 

फरुवाही नृत्य के लिए मशहूर 
उत्तर प्रदेश का महाराजगंज फरुवाही नृत्य के लिए मशहूर है. फरुवाही नृत्य के जरिए लोगों को इकट्ठा कर अपनी बात पहुंचाई जाती है पिछले कुछ सालों से सरकारी योजनाओं में इसका इस्तेमाल होने लगा है. भाजपा इसके जरिए 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ', घर-घर शौचालय जैसी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही है.

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जनप्रतिनिधि के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की है. मेडिकल कॉलेज का काम भी शुरू हो चुका है. 

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