UP Election 2022: मुगलसराय विधानसभा सीट पर कौन मारेगा बाजी, कैंडिडेट बदलने से भाजपा को होगा फायदा?

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डीएनए हिंदीः मुगलसराय विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में आती है. 2017  के चुनावों में इस सीट से भाजपा ने जीत दर्ज की थी. परिसीमन से पहले मुगलसराय  चंदौली रामनगर के नाम से जाना जाता था. मुगलसराय नाम बाद में रखा गया था. अब मुगलसराय का नाम दीनदयाल नगर कर दिया गया है. विधानसभा का नाम अब भी मुगलसराय ही है. 

भाजपा ने इस बाद बदल दिया उम्मीदवार
मुगलसराय विधानसभा सीट से भाजपा ने रमेश जायसवाल को मैदान में उतारा है. जबकि बसपा की तरफ से इरशाद अहमद चुनाव लड़ेंगे. वहीं कांग्रेस ने छब्बू पर विश्वास जताया है. सपा की ओर से चन्द्रशेखर यादव चुनाव लड़ने वाले हैं. 

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पूर्व पीएम की जन्मस्थली
इस सीट पर 1952 में पहली बार चुनाव हुए थे जिसमें कांग्रेस पार्टी के उमाशंकर तिवारी ने जीत हासिल की थी. मुगलसराय पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्म स्थल के रूप में मशहूर है. यह सीट कभी भी किसी एक पार्टी की परंपरागत सीट नहीं रही है. यहां एशिया का सबसे बड़ा रेलवे यार्ड बना हुआ है. सीट के लिए 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. 

पिछले चुनावों के परिणाम 
मुगलसराय विधानसभा सीट पर 2017 के चुनावों में भाजपा प्रत्याशी साधना सिंह ने 13,243 वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की थी. उन्हें कुल 87,401 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर 74,158 वोटों के साथ सपा के बाबूलाल रहे थे. तीसरे नंबर पर 57,219 वोटों के साथ बसपा के तिलक धारी रहे थे.  2012 के चुनावों में बसपा के बब्बन ने 15,440 वोटों के मार्जिन से जीत दर्ज की थी. उन्हें कुल 59,083 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर 43,643 वोटों के साथ सपा के बाबूलाल रहे थे.  2002 और 2007 के चुनावों में मुगलसराय विधानसभा सीट पर सपा ने जीत हासिल की थी. 

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मुस्लिम और यादव वोटर का दबदबा 
मुगलसराय विधानसभा सीट पर कुल 389872 हैं. इसमें 211193 पुरुष मतदाता और 178618 महिला मतदाता हैं. इस सीट पर 45 हजार मुस्लिम वोटर हैं. उनके बाद दूसरे नंबर पर यादव वोटर आते हैं जिनकी संख्या 41 हजार है. वहीं क्षत्रिय वोटर की संख्या 35 हजार और ब्राह्मण वोटर की संख्या 28 हजार है. इस बार मुगलसराय की जनता किस पर विश्वास करेगी, ये तो परिणाम आने पर ही पता चलेगा.