डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (UP Election 2022) में सियासी पारा उस समय चढ़ा था जब योगी कैबिनेट के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का दामन थाम लिया था. वहीं अब स्वामी प्रसाद मौर्य ही बैकफुट पर नजर आ रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपनी पारंपरिक विधानसभा सीट पडरौना छोड़ दी है. सपा ने उन्हें कुशीनगर की ही फाजिलनगर से टिकट दिया है.
बदल गई मौर्य की सीट
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की सीट बदल दी है जिस पडरौना से स्वामी प्रसाद मौर्य तीन बार विधायक रहे, वो अब उनकी सीट नहीं रही. स्वामी प्रसाद मौर्य अब कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से चुनाव में उतरेंगे. इस फैसले के साथ ही सपा ने प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के खिलाफ सिराथू विधानसभा सीट से सोनेलाल पटेल की बेटी पल्लवी पटेल को मैदान में उतारा है.
वहीं टिकट निश्चित होने के बाद पडरौना से तीन बार विधायक रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने सीट छोड़ने को लेकर कहा, "पडरौना वासियों के प्यार, स्नेह और आशीर्वाद के लिए बहुत-बहुत बधाई। आप सब का सम्मान एवं स्थान सदैव मेरे दिल में था, दिल में है, दिल में रहेगा."
RPN सिंह का फैक्टर
गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले ही कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने बीजेपी का हाथ थामा है. पडरौना उनका गृहक्षेत्र माना जाता है. ऐसे में संभावनाएं हैं कि वो या उनकी पत्नी इस सीट से चुनाव लड़ सकते है. ऐसे में स्वामी और आरपीएन सिंह के बीच एक कड़ी टक्कर की उम्मीद की जा रही थी लेकिन सपा ने इस टक्कर की संभावनाओं पर विराम लगा दिया है. वहीं अब ये सवाल भी खड़े होने लगे हैं कि क्या आर पीएन सिंह के फैक्टर के कारण ही सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य की सीट बदली है. हालांकि इस पर भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने आक्रामक बयान दिया है.
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आरपीएन सिंह को चुनौती मानने के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “वो न तो चैलेंज थे, न हैं और न ही होंगे. अगर बीजेपी उन्हें मैदान में उतारती है तो शायद आरपीएन सिंह से कमजोर कोई उम्मीदवार नहीं होगा." उन्होंने पडरौना की जनता को दिल के करीब बताया और अखिलेश यादव का फाजिलनगर सीट से टिकट देने के लिए धन्यवाद दिया. स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह तक कहा है कि वो किसी भी सीट से चुनाव लड़ेंगे तो चुनाव जीत जाएंगे.
आपको बता दें कि साल 2009 के लोकसभा चुनावों आरपीएन सिंह और स्वामी प्रसाद मौर्य की टक्कर हुई थी और आरपीएन ने कुशीनगर में मौर्य को बड़े अंतर से लोकसभा में हराया था. ऐसे में स्वामी की सीट बदलने के पीछे आरपीएन सिंह को एक सबसे बड़ा फैक्टर माना जा रहा है.