डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में इस बार कांग्रेस नए सिरे से संगठन खड़ा करने की कोशिश कर रही है लेकिन एकसच यह भी है कि कि पार्टी अपने गढ़ रायबरेली में भी कमजोर हो गई है. रायबरेली लोकसभा की रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस लगातार चुनाव जीतती रही है लेकिन अब यहां से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने पार्टी छोड़ बीजेपी की सदस्यता ले ली है. ऐसे में यह देखना होगा कि इस बार कांग्रेस यहां अपना रिकॉर्ड कायम रख पाती है या भाजपा कांग्रेस के इस किले को भेद देती है.
इन प्रत्याशियों पर है दारोमदार
UP Election 2022 में कांग्रेस की रायबरेली सीट भी पहले जैसी सुरक्षित नहीं लग रही है. पार्टी की विधायक अदिति सिंह पार्टी छोड़ चुकी हैं और भाजपा ने अब यहा उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है इसके अलावा कांग्रेस ने यहां मनीष सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं सपा ने यहां आरपी यादव को टिकट दिया है. गौरतलब है कि पिछले चुनावों में सपा ससपा का यहां गठबंधन हुआ था और सपा ने कांग्रेस के प्रत्याशी पर सहमति दी थी.
वहीं रायबरेली सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो इस सीट पर 65 हजार यादव, 42 हजार मुस्लिम, 40 हजार ब्राह्मण, 75 हजार और 45 हजार मौर्य समुदाय के मतदाता हैं. यहां पहले मुस्लिम समाज अखिलेश सिंह और फिर अदिति सिंह के पक्ष में वोट करता था लेकिन माना जा रहा है कि अदिति सिंह के बीजेपी में जाने के बाद यह वोट आरपी यादव के पक्ष में जा सकता है.वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में आने से भी अदिति सिंह को नुकसान हो सकता है.
पिछले चुनावों की बात करें तो रायबरेली विधानसभा सीट पर 2017 में कुल 61.89 प्रतिशत वोट पड़े थे. साल 2017 में कांग्रेस से अदिति सिंह ने बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद शाहबाज खान को 89163 वोटों के मार्जिन से हराया था उस दौरान भाजपा मुकाबले में काफी पीछे छूट गई थी लेकिन इस बार भाजपा के टिकट पर ही अदिति सिंह लड़ रही हैं. अब UP Election 2022 में इस बार यहां किसका परचम लहराएगा इस सवाल पर सभी की दिलचस्पी है. यहां की जनता 23 फरवरी को ईवीएम पर अपना फैसला सुना देगी.
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पार्टी | प्रत्याशी | वोट |
कांग्रेस | अदिति सिंह | 1,28,319 |
बसपा | मोहम्मद शाहबाज खान | 39,156 |
भाजपा | अनीता श्रीवास्तव | 28,821 |
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