डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ईवीएम में गड़बड़ी और वोटों की चोरी का मुद्दा उठाया है. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वो स्ट्रांग रूम के आस-पास सुरक्षा में लगे रहे. वहीं अब इस मुद्दे पर मंडल आयुक्त की तरफ से सफाई सामने आई है उन्होंने इसे चुनाव से जोड़कर ना देखने की बात कही है.
डीएम ने दी सफाई
दरअसल, वाराणसी में ईवीएम ले जाती गाड़ी को सपाईयों ने पकड़ लिया जिसके बाद अखिलेश यादव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बार-बार वाराणसी का यह मुद्दा उठाया. वहीं इस मुद्दे पर डीएम की तरफ से कहा गया कि इन ईवीएम का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि गाड़ियों में रखी ये ईवीएम ट्रेनिंग के लिए जा रही थीं. उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई प्रोटोकॉल नहीं होता है.
इस घटना को लेकर वाराणसी के डविजनल कमिश्नर यानी मंडल आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि ट्रेनिंग के लिए ले जाए जाने वाले ईवीएम के मूवमेंट में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया. हालांकि, उन्होंने कहा, "ये ईवीएम वोटिंग वाले ईवीएम से पूरी तरह अलग हैं, चाहें तो प्रत्याशी इसका मिलान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो ईवीएम गाड़ी में मिली हैं, उसका मिलान पोलिंग में यूज हुई ईवीएम से कर लें, अगर नंबर मिलता है तो हमलोग दोषी हैं, मगर ऐसा नहीं है. यहां सारे प्रेक्षक बैठे हैं. उन्होंने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि वोटिंग वाले ईवीएम से छेड़छाड़ इम्पॉसिबल है. थ्री लेयर सिक्योरिटी होती है."
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सपा कार्यकर्ताओं ने पकड़ी थी गाड़ी
गौरतलब है कि वाराणसी में सपाईयों द्ववारा ईवीएम वाली गाड़ी के पकड़े जाने के बाद जमकर विरोध प्रदर्शन किए गए और प्रशासन समेत चुनावी निश्वपक्षता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे थे. वहीं मामला तब ज्यादा बढ़ गया जब अखिलेश यादव ने भी यह मुद्दा उठाया. इसके चलते ही अब उन्होंने प्रशासन की ओर से पक्ष रखा है.
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