डीएनए हिंदी: UP Assembly Election हर रोज दिलचस्प होता जा रहा है. इस बार तय माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या सदर सीट से चुनाव लड़ेंगे. माना जा रहा है कि काफी विचार-विमर्श और प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर दूरगामी नतीजों को देखते हुए यह सीट तय की गई है. 2017 के चुनावों में योगी MLC बनकर सदन पहुंचे थे. उससे पहले वह गोरखपुर के सांसद रहे थे. आखिर इस बार सीएम क्यों विधायकी लड़ रहे हैं और इसके पीछे की क्या वजहें हैं, समझिए.
5 साल में 35 बार की अयोध्या यात्रा
अगर यह कहें कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते हुए अयोध्या से उनका विशेष लगाव दिखा तो बिल्कुल गलत नहीं होगा. 5 साल में उन्होंने 35 बार अयोध्या का दौरा किया. इतना ही नहीं, सीएम ने अयोध्या में भव्य दीपोत्सव आयोजन की भी शुरुआत की है. राम की नगरी से हिंदुओं का एक खास धार्मिक और मानसिक लगाव है. अयोध्या से चुनाव लड़कर बीजेपी का यह संदेश भी है कि रामनगरी उनके लिए खास महत्व रखती है.
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अयोध्या के जरिए विकास का संदेश
राजनीतिक विश्लेषक और उत्तर प्रदेश की राजनीति को बारीकी से समझने वाले मनीष कुमार गुप्ता भी ऐसा मानते हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या से सीएम का चुनाव लड़ाने का फैसला बीजेपी ने काफी सोचकर लिया है. सीएम के वहां से उम्मीदवार बनते ही अयोध्या नेशनल मीडिया में छा जाएगा. वहां चैनल आएंगे, देश भर की मीडिया जुटेगी और बीजेपी अपने विकास और हिंदुत्व के एजेंडे को दिखा सकती है. बीजेपी वहां से कहेगी कि मंदिर बनने से कैसे विकास हुआ, जमीनों की कीमतें बढ़ीं, होटल बन रहे हैं और मंदिर जिसका वादा तीसेक साल से था, वह भी पूरा हो रहा है.
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अयोध्या
वाराणसी की तरह कोर वोटरों के लिए बड़ा संदेश
2014 के चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी ने जोरदार हवा के बीच भी चुनाव लड़ने के लिए वाराणसी चुना. शिव की ऐतिहासिक नगरी का धार्मिक महत्व किसी से छुपा नहीं है. उसी तरह बड़े प्रदेश के सीएम को दूसरी धार्मिक महत्व की नगरी से चुनाव लड़वाकर बीजेपी अपने कोर वोटरों को जोड़कर रखने की कोशिश कर रही है. अपने कोर वोटर और हिंदुत्व के प्रति आग्रह को दिखाकर बीजेपी मजबूत वोट बैंक को जोड़े रखना चाहती है. यह संदेश महज यूपी के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए है कि किस तरह से अपनी विचारधारा और संकल्पों के लिए पार्टी जुटी है.
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रामराज्य और राम मंदिर बीजेपी की पहचानी लाइन
बीजेपी की राजनीति में हमेशा ही राम मंदिर और रामराज्य का जिक्र रहा है. चुनाव प्रचार के दौरान भी सीएम आदित्यनाथ कई बार रामराज्य का जिक्र कर चुके हैं. राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखकर बीजेपी ने पहले ही अपने कोर वोटरों को बड़ा संदेश दिया है. अयोध्या से योगी आदित्यनाथ का चुनाव लड़ना उसी सिरे की एक और कड़ी होगी.
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पिछले चुनाव में ऐसा रहा था गणित
अयोध्या सदर सीट (नंबर 275) में ही राम मंदिर और हनुमान गढ़ी का इलाका आता है. अयोध्या फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र में आता है. यहां के मौजूदा बीजेपी विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने 2017 के चुनाव में107014 वोटों से जीत हासिल की थी. गुप्ता ने ही पत्र लिखकर आग्रह किया था कि इस सीट से सीएम को चुनाव लड़वाया जाए.