डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में तीसरी जीत के बाद उत्साहित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी TMC ने कांग्रेस (Congress) के लिए गोवा विधानसभा चुनावों (Goa Election 2022) में बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. TMC एक तरफ राज्य में दम-खम के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है तो वहीं ममता दीदी ने कांग्रेस को गठबंधन का ऑफर भी दिया. इसको लेकर कांग्रेस ने स्पष्ट शब्दों में TMC से गठबंधन करने से इंकार कर दिया है. हालांकि कांग्रेस और TMC की इस लड़ाई में बड़ा फायदा भाजपा (BJP) का हो सकता है.
महुआ मोइत्रा ने दिया था गठबंधन का प्रस्ताव
दरअसल, गोवा में TMC की इंचार्ज महुआ मोइत्रा कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के प्रयास कर रही हैं. इसको लेकर उन्होंने कहा कि 2 हफ्ते पहले टीएमसी ने गोवा में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस को गठबंधन करने का ऑफर दिया है जिसपर कांग्रेस नेतृत्व ने जवाब देने के लिए कुछ समय मांगा है. उन्होंने कहा कि शायद वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम को इन सब बातों की जानकारी नहीं है. वहीं महुआ मोइत्रा के इन बयानों पर गोवा कांग्रेस के नेता ने आक्रामक जवाब दिया है.
कांग्रेस नहीं करेगी गठबंधन
गोवा कांग्रेस के इंचार्ज दिनेश गुंडू ने TMC के साथ किसी भी तरह का गठबंधन करने से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा, “वो किसके जवाब का इंतजार कर रही है. गोवा में बीजेपी को हराने के लिए टीएमसी की सबसे बड़ी रणनीति है कि कांग्रेस को कमजोर किया जाए और गैर-बीजेपी वोटों को विभाजित कर दिया जाए. क्या इस संबंध में पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल का ट्वीट काफी नहीं था. मैं सोच रहा हूं कि किसके जवाब का इंतजार महुआ मोइत्रा को है. कौन महुआ मोइत्रा जी की मदद करेगा." स्पष्ट है कि उन्होंने महुआ मोइत्रा का मजाक उड़ाते हुए किसी भी गठबंधन की संभावनाओं से इंकार कर दिया है.
वोट बिखरना भाजपा का फायदा
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल (K.C. Venugopal) पहले ही TMC से किसी भी प्रकार के गठबंधन को नकार चुके हैं. भाजपा पिछले चुनावों में कम सीटें होने के बावजूद गठबंधन के जरिए सत्ता तक पहुंच गई थी. वहीं बाद में पूरा कांग्रेस विधायक खेमा ही भाजपा के साथ चला गया था जो कि यहां भाजपा की ताक़त को दर्शाता है.
वहीं टीएमसी के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) भी कड़ी टक्कर देने की कोशिश में है. ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि प्रदेश में अगर विपक्षी दल महागठबंधन करते हैं तो वोटों का बिखराव होने से बचेगा लेकिन अब इसके लिए समय नहीं बचा है क्योंकि चुनाव में एक महीने से भी कम का समय बचा है और बिखराव का सीधा फायदा भाजपा के हिस्से जा सकता है. वहीं इस पूरे खेल में सबसे बड़ा नुक़सान कांग्रेस को होगा.