कैसे तय होगा उत्तराखंड का CM, जानिए धामी के लिए क्या है BJP की प्लानिंग

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 12, 2022, 07:10 AM IST

उत्तराखंड में बीजेपी बड़े बहुमत से विधानसभा चुनाव जीत गई है लेकिन सीएम पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट से हार गए हैं.

डीएनए हिंदी: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों (Assembly Election Results 2022) के नतीजे बीजेपी (BJP) के लिए चार राज्यों की बड़ी सफलता लेकर आए हैं लेकिन जीतकर भी पार्टी के लिए उत्तराखंड में सरकार का गठन करना मुश्किलों भरी बात हो गई है. इसकी वजह यह है कि स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) अपनी विधानसभा सीट खटीमा से चुनाव हार गए हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए धामी का विकल्प ढूंढ़ना एक नई परेशानी बनने वाला है. इसके लिए पार्टी केंद्र से दो पर्यवेक्षक भेज सकती है जो दिल्ली और देहरादून के बीच समन्वय स्थापित कर नई सरकार के गठन की नींव रखेंगे. 

केंद्र से भेजे जाएंगे पर्यवेक्षक

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के चयन और सरकार के गठन को लेकर उत्तराखंड भाजपा के सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) को नया नेता चुनने और विधायक दल की बैठक की निगरानी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा जा सकता है. हालांकि अभी इस बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है.

गौरतलब है कि भाजपा ने सत्ता बरकरार रखते हुए उत्तराखंड में इतिहास रच दिया है क्योंकि पूर्व में कोई भी दल विधानसभा चुनाव जीतकर सत्ता बरकरार रखने में सफल नहीं रहा है. भाजपा ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें जीती हैं और एक स्थाई सरकार के गठन की मजबूत नींव रखी है. 

क्या है बड़ी समस्या 

दरअसल, पार्टी में आंतरिक तौर पर इस बात को लेकर चर्चा है कि क्या वरिष्ठ नेता पुष्कर सिंह धामी पर फिर से भरोसा करेंगे जिसके लिए यह जरूरी होगा कि कोई मौजूदा विधायक धामी के लिए अपनी सीट छोड़े और उपचुनाव कराने पर वह दोबारा चुनाव लड़ सकें. इसके अलावा बड़ी संभावनाएं यह हैं कि नव-निर्वाचित विधायकों में से किसी को नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा. 

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आपको बता दें कि बीजेपी के पास इस पद के लिए राज्य के अपने वरिष्ठ नेताओं में से किसी को चुनने का विकल्प भी है जो वर्तमान में विधायक नहीं है. अब देखना यह है कि भाजपा यहां फिर 2017 के फॉर्मूले पर एक त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरह केंद्र से कोई नेता भेजती है या फिर विधायक दल से ही किसी को सीएम बनाती है.

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