डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विधानसभा चुनावों (Assembly election 2022) में एक बार फिर नोटबंदी (Note bandi) की एंट्री हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता नोटबंदी को दीवार बनाकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेताओं पर निशाना साध रहे हैं.
नए आरोप-प्रत्यारोप की शुरुआत तब हुई जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने प्रतापगढ़ में जनविश्वास यात्रा (Jan Vishwas Yatra) के दौरान अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को घेरा था.
सीएम योगी ने कानपुर (Kanpur) में पीयूष जैन (Piyush Jain) के घर बरामद करोड़ों रुपयों का जिक्र करते हुए कहा था कि बबुआ नोटबंदी का विरोध क्यों करते थे, यह अब पता चला. गरीबों से लूटा गया करोड़ों रुपया जो उनकी दीवारों में छुपाया गया था. विधानसभा चुनावों में एक बार फिर बीजेपी नोटबंदी को मुद्दा बनाकर विरोध करने वाले नेताओं को घेरने की कोशिश कर सकती है.
अखिलेश Exclusive: 'सपा की देन है कानपुर मेट्रो, पीयूष जैन से हमारा नहीं कोई संबंध'
कैसे चर्चा में फिर आई नोटबंदी?
कानपुर के इत्र व्यापारी पीयूष जैन के घर से लगभग 200 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए हैं. पीयूष जैन का रिश्ता सपा से बताया जा रहा है. अब तक पीयूष जैन के पास से अब तक 194 करोड़ रुपए कैश बरामद किया जा चुका है. इनमें 177 करोड़ 45 लाख रुपए कानपुर से बरामद किये गए हैं. और 17 करोड़ रुपए कन्नौज वाले घर से बरामद किये गए हैं.
बरामद की गईं सोने की ईंटों की कुल कीमत भी 11 करोड़ आंकी गई है. इसके अलावा जो चंदन का तेल बरामद किया गया है, उसकी मात्रा 600 किलोग्राम है. कैश की इतनी बड़ी बरामदगी को लेकर ही बीजेपी सपा पर हमलावर है. इतनी बड़ी रकम मिलने के बाद पीयूष जैन की गिरफ्तारी हो गई है. अब वह 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल में है. बीजेपी सपा के साथ इनका कनेक्शन बता रही हो तो सपा बीजेपी के साथ.
सीएम योगी के बयानों पर अखिलेश यादव ने पलटवार किया था. 25 दिसंबर को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीयूष जैन की खबर ट्वीट करते हुए लिखा, 'सुबह तलक चीखकर सुना रहे थे कुछ ख़बरनवीस 'जिसके' गुनाह की कहानी... 'उसका' बादशाह से ताल्लुक निकलते ही शाम तलक वो खामोश हो गये....' वहीं एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा 'झूठ के फूल' की मिल गई जड़, भाजपा के गिरते स्तर का शिखर. यूपी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा.
किस पार्टी के साथ है Piyush Jain का कनेक्शन?
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीयूष जैन का राजनीतिक कनेक्शन किसी भी पार्टी के साथ नहीं है. वह न तो सपा में है न बीजेपी में. कन्नौज के मोहल्ला छीपट्टी में रहने वालों लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने राजनीतिक दल के साथ पीयूष जैन के कनेक्शन से इनकार किया.
कब हुई थी नोटबंदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया था जिसके बाद उसी दिन आधी रात से 500 और 1000 नोट लीग टेंडर नहीं रह गए थे. ऐसे नोटों को तत्काल बैंक में जमा करने का निर्देश केंद्र ने जारी किया था. केंद्र सरकार ने 500 और 2000 के नए नोटों को जारी किया था. नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर थी.
यह भी पढ़ें-
Punjab Elections 2022: राकेश टिकैत के इस बयान से झलक रही है किसान मोर्चे की फूट
Punjab Elections 2022: चमकौर साहिब में फंसे चन्नी! चरणजीत vs चरणजीत होगा मुकाबला