Lok Sabha Elections 2024: ऑल इंडिया मजलिस-इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की 20 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है. जिन सीटों पर असदुद्दीन ओवैसी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, वे सभी मुस्लिम बाहुल सीटें हैं.
संभल, मुरादाबाद, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, फिरोजाबा, बुलंदशहर, कैराना, अलीगढ़, नगीना, रामपुर, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली और बहराइच की लोकसभा सीटों पर AIMIM अपने उम्मीदवार उतार रही है.
इन लोकसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी निर्णायक भूमिका निभाती है. इन सीटों पर समाजवादी पार्टी और बसपा का दबदबा है. मुस्लिम वोटर, AIMIM के आने की वजह से बंट सकते हैं.
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किस पार्टी है इन सीटों पर दबदबा?
संभल से समाजवादी पार्टी के शफीकुर्रहमान बर्क सांसद थे. उनका निधन हो गया है. मुरादाबाद से एसटी हसन सांसद हैं. मेरठ से राजेंद्र अग्रवाल सासंद हैं लेकिन यहां मुस्लिम निर्णायक भूमिका निभाते हैं. बिजनौर से मलूक नागर सांसद हैं, वह बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे.
अमरोहा से कुंवर दानिश अली सांसद हैं. दानिश अली को बसपा ने उतारा था. फिरोजाबाद से बीजेपी के डॉ चंद्र सेन जादौन सांसद हैं. बुलंदशहर से बीजेपी के सांसद भोला सिंह हैं. कैराना के सांसद प्रदीप चौधरी हैं. अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम हैं.
नगीना से गिरीश चंद बसपा से सांसद हैं. रामपुर से घनश्याम लोधी सांसद हैं, वे बीजेपी से हैं. आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल याद निरहुआ हैं. सहारनपुर से बसपा नेता हाजी फजलुर रहमान सांसद हैं. बरेली से बीजेपी नेता संतोष गंगवार सांसद हैं. बहराइच के सांसद अक्षयबर लाल गौड़ हैं, वे बीजेपी से सांसद हैं.
क्या इन सीटों पर ओवैसी की वजह से बिगड़ेगा गणित?
असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री की वजह से इंडिया ब्लॉक का इन सीटों पर गणित बिगड़ सकता है. इन सीटों पर मुस्लिम वोटों का ओवैसी की वजह से ध्रुवीकरण हो सकता है.
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ओवैसी की लोकप्रियता किसी की मुहताज नहीं है, वे किसी भी दल के साथ गठबंधन में भी नहीं हैं. इन सीटों पर सपा-बसपा मजबूत स्थिति में रही हैं, ओवैसी के आने के बाद दोनों दलों का गेम बिगड़ सकता है.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इन सीटों पर अगर बीजेपी हिंदू वोटरों को लुभाने में कामयाब हो जाती है तो ओवैसी की एंट्री का फायदा पार्टी को मिल सकता है.
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