कौन हैं Punjab के 'नेल्सन मंडेला' को हराने वाले AAP के गुरमीत सिंह खुड्डियां?

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डीएनए हिंदी: पंजाब की राजनीति में इसबार परिणाम बेहद चौंकाने वाले रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने न सिर्फ पंजाब में बहुमत हासिल किया है बल्कि उसके प्रत्याशियों ने राज्य के बड़े-बड़े दिग्गजों को चुनाव में पटखनी भी दी. हारने वाले नेताओं में पंजाब और देश की राजनीति में 'बाबा बोढ़' और 'नेल्सन मंडेला' कहे जाने वाले अकाली दल के सबसे बड़े नेता प्रकाश सिंह बादल का नाम भी शामिल हैं.

पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) को आम आदमी पार्टी के 59 वर्षीय गुरमीत सिंह खुड्डियां ने चुनावी मुकाबले में मात दी. उन्होंने लंबी के राजनीतिक इतिहास में प्रकाश सिंह बादल को बुरी तरह से हराकर वो कर दिया जिसकी सपने में भी किसी को उम्मीद नहीं थी. 

कौन हैं गुरमीत सिंह खुड्डियां?
गुरमीत सिंह पूर्व सांसद स्वर्गीय जगदेव सिंह खुड्डियां के पुत्र हैं. 1997 से लगातार पांच बार लंबी के विधायक चुने जा चुके प्रकाश सिंह बादल की इसबार भी जीत पक्की मानी जा रही थी लेकिन गुरमीत सिंह खुड्डियां ने उन्हें 11 हजार वोटों से हरा दिया. गुरमीत को इस सीट पर 66,313 वोट मिले जबकि प्रकाश सिंह बादल 54,917 वोट ही हासिल कर सके.

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गुरमीत सिंह खुड्डियां पिछले लंबे समय से राजनीति के साथ जुड़े हुए हैं. वो पहले SAD (मान) के साथ थे और फिर कांग्रेस के साथ जुड़ गए थे. उन्होंने लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी में काम किया और श्री मुक्तसर साहिब के जिला प्रधान भी रहे.

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वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में वह लंबी से चुनाव मैदान में उतरे कैप्टन अमरिंदर सिंह के कवरिंग कैंडीडेट भी रहे. लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बावजूद लंबी हलके को नजरंदाज करने के चलते वह बीती जुलाई में कांग्रेस को छोड़कर AAP में शामिल हो गए थे. लंबी हलके की कांग्रेस की अधिकतर टीम भी उनके साथ ही आप में चली गई थी.

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AAP की ओर से घोषित की गई चुनाव प्रत्याशियों की पहली सूची में ही उन्हें लंबी से उम्मीदवार घोषित कर दिया गया था. किसी को उम्मीद नहीं थी कि पहली बार चुनाव मैदान में उतरे गुरमीत खुड्डियां बाबा बोहड़ प्रकाश सिंह बादल को हरा पाएंगे. लेकिन खुड्डियां ने बादल को 11,396 वोट से हराकर इतिहास रच दिया है.

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प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) की हार को लेकर क्षेत्र के लोगों को भी हैरानी हो रही है. लंबी क्षेत्र के गांव खुड्डियां के निवासी गुरमीत सिंह जमीनी तौर पर इस हलके के साथ जुड़े हुए हैं. साधारण किसान परिवार से संबंधित खुड्डियां करीब 15 एकड़ जमीन के मालिक हैं. उनके पिता जगदेव खुड्डियां कुछ समय पहले संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे. छह दिनों बाद सरहिंद नहर से उनका शव बरामद हुआ था.

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खुड्डिया ने कहा कि यह जीत 32 साल की कड़ी मेहनत का नतीजा है. गुरमीत सिंह ने प्रकाश सिंह बादल को राजनीति का विश्वविद्यालय कहने वालों को जवाब देते हुए कहा कि लोगों के साथ से इस विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया है. गुरमीत सिंह खुड्डिया ने कहा कि लंबी विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने साबित कर दिया है कि राजनीति सिर्फ पैसे से नहीं होती बल्कि ईमानदारी से भी की जा सकती है.

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जो परिवार पहले से दिवंगत जत्थेदार जगदेव सिंह खुदिया से जुड़े हुए थे उन्होंने भी समर्थन किया. Zee News से बात करते हुए गुरमीत सिंह ने कहा कि उन्होंने धैर्य की राजनीति की है. जनता के साथ से 5 बार के मुख्यमंत्री और 10 बार के विधायक प्रकाश सिंह बादल को बड़े अंतर से हराया है. लोगों ने झूठ और हेराफेरी की राजनीति को नकार दिया है.

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