डीएनए हिंदीः दिल्ली में नगर निगम चुनाव (MCD Election) के लिए आरक्षित सीटों को लेकर आदेश जारी हो चुका है. राज्य चुनाव आयोग द्वारा रोटेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सबसे ज्यादा नुकसान पुरुष पार्षदों को होगा. नए रोटेशन के बाद अधिकतर मौजूद पुरुष पार्षद अपनी सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. नए आदेश में पूर्व की सामान्य सीटें अब महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हो गई है. सामान्य सीट पर महिला के चुनाव लड़ने में कोई अड़चन नहीं है. इसका सीधा फायदा मौजूदा महिला पार्षदों को मिलेगा. तीनों नगर निगम में महिलाओं के 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं.
उत्तरी दिल्ली में 52 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की 104 सीटों में से 20 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इनमें से 10 सीटें महिला तो 10 अनुसूचित जाति के पुरुषों के लिए आरक्षित हैं. बाकी 84 सामान्य वार्ड में से 42 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं तो 42 ही सीट सामान्य हैं.
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दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 53 सीटें महिलाओं के लिए
दक्षिणी निगम की बात करें तो यहां की 104 सीटों में से 15 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इसमें से 7 सीटें अनुसूचित जाति के लिए सामान्य सीटें हैं जबकि 8 अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. बाकी 89 सीटों में से 45 सीटें महिलाओं के लिए जबकि 44 सीटें सामान्य है. खास बात यह है कि सामान्य सीटों पर भी महिलाएं चुनाव लड़ सकती हैं.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम 33 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित
पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 सीटों में से 11 सीटें (6 महिला, 5 सामान्य) अनुसचित जाति के लिए आरक्षित हैं. बाकी 57 में से 27 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.
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पत्नी को लड़ा सकते हैं चुनाव
आरक्षण के बाद कई मौजूदा पुरुष पार्षद इन सीटों पर चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. ऐसे में उनकी कोशिश होगी कि वह अपनी सीट को दूसरे व्यक्ति के पास न जाने दें. सभी राजनीतिक दलों के पार्षद अपने ही घर में सीट रखने की कोशिश करेंगे. वह अपनी पत्नी, बेटी या बहू को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं.