डीएनए हिंदी: बेशक शेक्सपियर ने कहा हो कि Whats in a name? लेकिन कई बार उनकी कही ये बात एकदम विपरीत अर्थ लिए सामने आती है. आखिर नाम की भूमिका कई बार काफी अहम साबित होती है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भी इस साल कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. इस साल यूपी चुनावों में एक नहीं बल्कि अखिलेश यादव नाम के चार उम्मीदवार मैदान में हैं.
आप सोच में पड़ जाएं इससे पहले ही यह बता देना जरूरी है कि यह चारों अलग-अलग उम्मीदवार हैं. इनमें से एक तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ही हैं. वहीं इस नाम के एक और अखिलेश यादव उन्हीं की पार्टी सपा से चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा अखिलेश यादव नाम से एक कांग्रेस और एक निर्दलीय उम्मीदवार भी इस बार सत्ता की दुनिया में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
सपा से दो अखिलेश यादव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव की किस्मत का फैसला तो करहल विधानसभा सीट के मतदान में हो चुका है. वहीं सपा से ही जुड़े दूसरे अखिलेश यादव आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर विधानसभा सीट से खड़े हैं. यहां मतदान होना अभी बाकी है. 7 मार्च को आखिरी चरण में यहां वोट डाले जाएंगे.
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कांग्रेस के अखिलेश यादव
कांग्रेस पार्टी से चुनावी मैदान में उतरे अखिलेश यादव अयोध्या जिले की बीकापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतरे अन्य अखिलेश यादव ने संभल की गुन्नौर विधानसभा सीट पर किस्मत आजमाई है.
ऐसे सामने आई चार एक जैसे नामों की बात
जब सात फरवरी को समाजवादी पार्टी ने मुबारकपुर विधानसभा सीट से अखिलेश यादव के नाम की घोषणा की तो ज्यादातर लोग कंफ्यूज हो गए. उन्हें लगा कि सपा प्रमुख इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इससे पहले ही अखिलेश यादव के करहल से चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा हो चुकी थी. हालांकि इस बारे में पता करने पर सामने आया कि दोनों अखिलेश यादव अलग हैं. वहीं जब उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हुई तब लिस्ट के जरिए अखिलेश यादव नाम के चार उम्मीदवार सामने आए.
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