डीएनए हिंदी: पंजाब विधानसभा चुनावों (Punjabi Election 2022) में बीजेपी (BJP) पहली बार शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) से अलग होकर लड़ रही है. कृषि कानूनों के मुद्दे पर टकराव के बाद कानून रद्द होने और राज्य में पुरानी सहयोगी होने लेकर चुनावी विश्लेषक यह कहते रहे हैं कि अकाली दल एक बार फिर चुनाव के बाद भाजपा के साथ जा सकता है. हालांकि अकाली दल इस बात को खारिज करता रहा है. ऐसे में बीजेपी नेता और केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि अकाली दल से भाजपा का गठबंधन नहीं होगा.
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अकाली दल के कारण ही भाजपा का पंजाब में कभी विस्तार नहीं हो सका. बीजेपी का कोई सिख नेता नहीं उभर सका इसलिए भाजपा का अकाली दल के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. उन्होंने कहा, “अकालियों ने भाजपा से किसी सिख नेता को भी उभरने नहीं दिया.” वहीं सीएम चन्नी के भतीजे की ईडी द्वारा गिरफ्तारी पर बड़ा बयान देते हुए पुरी ने कहा कि हम कभी बदले की राजनीति के तहत सरकारी संस्थाओं दुरुपयोग नहीं करते हैं.
भाजपा की आक्रामकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा नेता यह तक कह रहे हैं कि यदि शिरोमणि अकाली दल चुनावों के बाद भी गठबंधन के प्रयास करेगा तब भी उससे गठबंधन नहीं किया जाएगा. यह संकेत है कि भाजपा अब राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के नेतृत्व में ही पंजाब लोक कांग्रेस पर अपना विश्वास रखे हुए है जिनके जरिए भाजपा पंजाब में नई राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश में है.
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इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुर ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक का मुद्दा भी उठाया है. उन्होंने कहा, पीएम की सुरक्षा में चूक के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बने रहने का कोई हक नहीं है. जहां प्रधानमंत्री का काफिला रोका गया था, अगर पुलिस चाहती तो उसे 15 मिनट में खुलवा सकती थी लेकिन प्रधानमंत्री की रैली को विफल करने के लिए यह सब किया गया. केंद्रीय मंत्री ने कहा, पंजाब पर 2.81 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. अगर दोबारा कोई गलत सरकार बनी तो कोई निवेश नहीं करेगा. भाजपा सत्ता में आने पर व्हाइट पेपर लाएगी.”
गौरतलब है कि Punjab Election 2022 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है और पार्टी ने दलित मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया हुआ है.
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