Punjab Election 2022: भाई vs भाई, क्या जीतने के बजाय एक-दूसरे को हराने के लिए लड़ रहे सियासी लड़ाई

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डीएनए हिंदी: पंजाब की मजीठा विधानसभा सीट पर इस बार भले ही इस बार अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया चुनाव मैदान में न हों लेकिन फिर भी यह सीट सुर्खियों में बनी हुई है. मजीठा सीट के सुर्खियों में होने की वजह है यहां होने जा रहा दो भाईयों के बीच मुकाबला. दोनों ही भाई अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.

दरअसल मजीठा विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के टिकट पर सुखजिंदर राज सिंह उर्फ लल्ली मजीठिया जबकि उनके छोटे भाई जगविंदरपाल सिंह उर्फ ​​जग्गा मजीठिया कांग्रेस के टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

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अकाली दल का गढ़ कहे जाने वाली अमृतसर की मजीठा विधानसभा सीट के मौजूदा विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया हैं. बिक्रम  2007 से यहां के विधायक हैं लेकिन इस बार वो अमृतसर ईस्ट से पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को टक्कर दे रहे हैं. SAD ने बिक्रम सिंह  की पत्नी गनीवे कौर को मजीठा सीट से मैदान में उतारा है.

65 वर्षीय सुखजिंदर राज सिंह पिछले महीने कांग्रेस छोड़कर AAP में शामिल हुए हैं. इसके बाद कांग्रेस ने मजीठा विधानसभा क्षेत्र से उनके छोटे भाई जगविंदरपाल को टिकट दिया है. 59 वर्षीय जगविंदरपाल सिंह का कहना है कि जब उनके बड़े भाई मजीठा सीट से चुनाव लड़ रहे थे तो उन्होंने हमेशा जमीनी स्तर पर काम किया.

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उन्होंने कहा, "वह (लल्ली) पिछले साढ़े चार साल में अपने घर से बाहर नहीं निकले और लोगों ने मुझे यहां से चुनाव लड़ने के लिए कहा. मतदाता पहले भी चाहते थे कि मैं यहां से चुनाव लड़ूं क्योंकि मैं जमीनी स्तर पर काम करता हूं." जगविंदर ने कहा कि उनके बीच मतभेद पिछले साल किसी बाजार समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर सामने आए थे. उन्होंने कहा कि वह अपने बड़े भाई के साथ बात नहीं करते.

हालांकि, सुखजिंदर राज सिंह अपने भाई को चुनावी लड़ाई में नहीं देखते हैं, उनका कहना है कि मजीठा विधानसभा सीट पर केवल AAP और SAD के बीच मुकाबला होगा. उन्होंने कहा, ''रिश्ता एक सामाजिक पहलू है लेकिन राजनीतिक रूप से अलग-अलग सोच हो सकती है और एक परिवार में, एक पिता और पुत्र भी अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं. अगर हम एक-दूसरे के खिलाफ हैं (चुनावी लड़ाई में) तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.''