Punjab Election 2022 से पहले गुरमीत राम रहीम को फरलो, समझें विवाद की वजह

स्मिता मुग्धा | Updated:Feb 07, 2022, 08:06 PM IST

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम फरलो पर आज जेल से बाहर आ गया है. रेप और हत्या के केस में दोषी करार दिए जाने के बाद से वह जेल में ही बंद था.

डीएनए हिंदी: पंजाब चुनावों से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिनों के लिए फरलो मिली है. इस पर जारी विवाद के बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि फरलो मिलने के पीछे कोई चुनावी कनेक्शन नहीं है. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख रोहतक की सुनारिया जेल में बंद था. जेल से निकलने के बाद उसके अनुयायी उसे छिपाकर डेरा ले गए हैं. 

पंजाब के 13 राज्यों में 300 डेरे
राम रहीम की रिहाई पंजाब में चुनाव से 13 दिन पहले हुई है. बता दें कि पंजाब के 23 जिलों में 300 बड़े डेरे हैं. गुरमीत राम रहीम के प्रभावशाली रहने के दिनों में इन डेरों का सीधा दखल सूबे की राजनीति में रहा है. यह डेरे पंजाब के माझा, मालवा और दोआबा तीनों ही क्षेत्र में अपना वर्चस्व रखते हैं.

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डेरा का प्रभाव पंजाब और हरियाणा की राजनीति पर रहा है
डेरा सच्चा सौदा हरियाणा के सिरसा जिले में स्थित है. इसका पंजाब के मालवा रीजन की करीब 69 सीटों पर प्रभाव है. राम रहीम के जेल जाने से पहले तक हर चुनाव में डेराओं की खास भूमिका रहती थी. चुनावी राजनीति और समीकरणोंको प्रभावित करने में इनका असर साफ दिखता था. माना जा रहा है कि डेरा का वर्चस्व पहले से कम जरूर हुआ है लेकिन प्रभाव अभी तक है. 

CM खट्‌टर बोले, चुनावी कनेक्शन नहीं
राम रहीम को फरलो मिलने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि फरलो का चुनाव से कोई संबंध नहीं है. यह महज संयोग भर है और इसकी जानकारी सभी के पास है. उन्होंने कहा कि कोई भी कैदी जेल में 3 साल पूरे होने के बाद इसके लिए आवेदन कर सकता है. आवेदन के बाद उसका निरीक्षण करके फैसला लिया जाता है. यह प्रशासन और जेल विभाग का फैसला होता है. इसमें सरकार का कोई दखल नहीं है.

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पंजाब चुनाव 2022 बीजेपी