डीएनए हिंदी: बलात्कार के आरोपी और लोक इंसाफ पार्टी (LIP) के सहसंस्थापक सिमरजीत सिंह बैंस (Simarjit Singh Bains) के चुनाव लड़ने को लेकर लोगों को विश्वास है कि वो ना केवल बड़े अंतर से जीतेंगे बल्कि विरोधियों की जमानत भी जब्त कराएंगे. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि उन पर जिस लड़की से रेप करने का आरोप है उसके वकील भी सिमरजीत सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
रेप के आरोपी हैं सिमरजीत
दो बार के विधायक और लोक इंसाफ पार्टी के नेता सिमरजीत सिंह बैंस लुधियाना की आत्मा नगर सीट से एक बार फिर चुनावी रण में उतरने हैं. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी हरकतों को लेकर आपत्ति जताई है. उन पर 2020 में एक महिला से रेप का आरोप है. महिला का कहना है कि उन्होंने संपत्ति के विवाद को हल करने के लिए मदद मांगी थी लेकिन उनका रेप किया गया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केस रिपोर्ट दाखिल करने को लेकर बैंस की गिरफ्तारी पर एक हफ्ते की रोक लगा दी है.
महिला के वकील है अकाली दल के प्रत्याशी
वहीं पीड़ित महिला का केस लड़ रहे हरीश राय ढांडा आत्मा नगर सीट से ही शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार हैं. ऐसे में बैंस लगातार खुद पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हैं. बैंस के अलावा उनके भाई बलविंदर सिंह भी विधायक हैं और लुधियाना साउथ से चुनावी मैदान में हैं. उन्हें विश्वास है कि वो एक बार फिर जीतेंगे क्यों उनकी छवि एक जनहितैषी नेता की है.
कैमरे पर इन दोनों ही भाइयों ने साल 2009 में एक सरकारी भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी को पीटा था जिससे ये जनता की नजर में हीरो बन गए थे. लुधियाना पश्चिम से एक बार विधायक रहे एडवोकेट ढांडा का कहना है कि बैंस को खुली छूट दी गई है. "उनके आत्मविश्वास को देखें कि उनके खिलाफ कई गैर-जमानती वारंटों के बावजूद, उन्होंने जमानत के लिए आवेदन नहीं किया है.”
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राजनीतिक साजिश की कही बात
वहीं इससे इतर आरोपी विधायक सिमरजीत सिंह का कहना है कि विपक्षी वकील का उनके खिलाफ खड़ा होना इस बात क संकेत है कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है. अपने विरोधियों को लेकर उन्होंने कहा कि कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ कम से कम 25 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. बैंस भाइयों को लोगों के लिए बोलने से कोई नहीं रोक सकता. अब तक एक भी दोष सिद्ध नहीं हुआ है जिससे साबित होता है कि मामले झूठे हैं.”
ऐसे में आरोपी विधायक के सामने पीड़िता के वकील का चुनावी रण में खड़े होना इस विधानसभा चुनाव को दिलचस्प बना रहा है. यह देखना होगा कि एक बार आरोपी विधायक की जीत होती है या फिर पीड़िता के वकील पर जनता विश्वास करने लगी है.
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