Rashtrapati Chunav: क्या देश को मिलेगा पहला आदिवासी राष्ट्रपति? इन नामों पर अटकलें तेज

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 22, 2022, 12:39 PM IST

राष्ट्रपति भवन. (तस्वीर-PTI)

Rashtrapati Chunav 2022: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है.

डीएनए हिंदी: देश में राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election of India) को लेकर सियासी सुगबुगाहट का दौर शुरू हो गया है. देश के अगले राष्ट्रपति के नाम को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि किसे राष्ट्र प्रमुख की जिम्मेदारी मिलने वाली है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है. एनडीए गठबंधन और विपक्ष के राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवारों के नाम केवल अटकलें लगाई जा रही हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी दलित चेहरे के बाद अब एक आदिवासी चेहरे को आगे कर सकती है.

चर्चा चल रही है कि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रपति पद के लिए किसी आदिवासी कैंडिडेट को उतार सकती है. अगर बीजेपी ने राष्ट्रपति चुनावों (BJP Presidential Candidate) के लिए आदिवासी कार्ड खेला तो देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति मिल सकता है.

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बीजेपी को इस दांव से क्या होगा फायदा?

राष्ट्रपति चुनाव से कई सियासी समीकरण बीजेपी एक साथ साध सकती है. पहली नजर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों पर है. दूसरी नजर विधानसभा चुनावों पर. लोक सभा की 543 सीटों में से 47 एसटी कैटेगिरी के लिए आरक्षित हैं. 

62 लोक सभा सीटों पर सीधे-सीधे आदिवासी समुदाय प्रभावी है. इसी तरह मध्य प्रदेश (MP), छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) और गुजरात (Gujarat) में भी आदिवासी वोटर निर्णायक स्थिति में है.

कैसे विधानसभा चुनावों को साधेगी बीजेपी?

चुनावी राज्यों में बीजेपी को इस फैसले से बड़ी राहत मिल सकती है. गुजरात में इसी साल और एमपी और छत्तीसगढ़ में 2023 में चुनाव होने हैं. लंबे समय से बीजेपी के गढ़ गुजरात में भी पार्टी आदिवासियों को साधने में कामयाब नहीं हो सकी है. 

182 सदस्यीय विधान सभा में 27 सीटें ST के लिए आरक्षित हैं. बीजेपी को 2007 में सिर्फ 13, 2012 में 11 और 2017 में मात्र 9 सीटें ही मिल सकीं. राज्य में करीब 14% आदिवासी हैं जो 60 सीटों पर निर्णायक भूमिका में है. 

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झारखंड की 81 विधान सभा सीटों में 28 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं. 2014 में बीजेपी इनमें से 11 सीटें और 2019 में 2 सीटें ही जीत सकी. इसी तरह मध्य प्रदेश की कुल 230 सीट में 84 पर ST वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. 2013 में बीजेपी ने यहां 59 सीटें जीतीं, जो पांच साल बाद 2018 में सिमटकर 34 रह गईं. अब कुछ ऐसी ही हाल छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र में भी है जहां के चुनावों में आदिवासी समाज बड़ी भूमिका निभाता है.

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कौन होगा बीजेपी का राष्ट्रपति उम्मीदवार?

दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक अर्जुन मुंडा, जुअल ओरांव (Jual Oraon), पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) और छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनसुईया उइके प्रमुख आदिवासी नेता हैं, जिनके नाम राष्ट्रपति पद के लिए चर्चा में हैं.
हालांकि अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

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