UP Election 2022: निर्भया की वकील Seema Samridhi Kushwaha बसपा में हुईं शामिल, पढ़ें उनकी कहानी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 24, 2022, 07:32 PM IST

सीमा समृद्धि कुशवाहा निर्भया केस के दौरान चर्चा में आई थीं. इसके अलावा हाथरस केस को भी उन्होंने लड़ा था.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में चुनावी (UP Election 2022) माहौल जारी है. इस बीच बीते गुरुवार को सीमा कुशवाहा (Seema Kushwaha) बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) में शामिल हो गईं. महिला अधिकारों की मुखर वकालत करने वाली कुशवाहा ने साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पैरवी कर पीड़ित पक्षकार को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई थीं.

बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की मौजूदगी में सीमा कुशवाहा को बसपा की सदस्यता दिलाई गई. वहीं बात की पुष्टि करते हुए सीमा ने कहा कि वे दलित हित के लिए बसपा में शामिल हुई हैं. उन्होंने कहा, कमजोर वर्ग को इंसाफ दिलाने के लिए मैं हमेशा काम करती रहूंगी. 20 जनवरी को उन्होंने लखनऊ में बसपा की सदस्यता ली.

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कौन है सीमा समृद्धि कुशवाहा?

सीमा समृद्धि कुशवाहा निर्भया केस के दौरान चर्चा में आई थीं. इसके अलावा हाथरस केस को भी उन्होंने लड़ा था. सीमा रेप पीड़िताओं के लिए मुफ्त में न्याय दिलाने की मुहिम चलाती हैं. मूल रूप से उत्तर प्रदेश के इटावा की रहने वाली सीमा का जन्म यहां के एक छोटे से गांव उग्गरपुर में हुआ था. 

अपने बारे में बात करते हुए सीमा ने कई इंटरव्यू में बताया कि कैसे उनके यहां लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए बहुत सारी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं. उन्होंने बताया, जब मैंने वकालत की पढ़ाई शुरू की थी तब मेरे सामने बहुत सारी मुश्किलें खड़ी थीं. मेरा परिवार कानूनी पढ़ाई के खिलाफ था. इसलिए मैंने तय किया था कि मैं पढ़ाई के साथ-साथ काम भी करुंगी ताकि मेरे रास्ते में किसी भी तरह की रुकावट ना आए.

सीमा के अनुसार, लॉ पूरा करने के बाद उन्होंने कानपुर से वकालत की ट्रेनिंग शुरू की थी लेकिन हालात हक में न होने की वजह से उन्हें कानपुर छोड़कर दिल्ली का रुख करना पड़ा. यहां उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ट्रेनी वकील के रूप पर काम करना शुरू किया. सीमा बताती हैं कि एक शोक सभा में वे निर्भया के परिवार से मिली थीं. इस दौरान उनसे से बातचीत करते वक्त वह इतनी भावुक हो गई उन्होंने उसी समय तय कर लिया कि वे हर हाल में निर्भया के दोषियों को सजा दिलाकर रहेंगी.

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सीमा के जीवन का यह पहला केस था. केस के शुरू होने से लेकर दोषियों को सजा होने तक, सीमा लड़ती रहीं. साल 2014 में उन्होंने एक ट्रस्ट भी बनाया जो दुष्कर्म पीड़िताओं को मुफ्त में न्याय दिलाने के लिए अदालत में केस लड़ने का काम करता है. सीमा देश की बेटियों के लिए हमेशा आगे रहीं. उन्होंने साफ किया है कि राजनीति में आने के बाद भी वे रेप पीड़िताओं के केस लड़ती रहेंगी.
 

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