गोवा चुनाव: ममता का कांग्रेस को ऑफर, भाजपा को हराने के लिए दे समर्थन

कृष्णा बाजपेई | Updated:Dec 14, 2021, 10:28 PM IST

ममता बनर्जी (फाइल फोटो-PTI)

ममता गोवा में ये दिखाने की कोशिश कर रही हैं कि वहां भाजपा के सामने कांग्रेस नहीं अपितु मुख्य विपक्ष टीएमसी ही है.

डीएनए हिंदीः देश की राजनीति में आज सबसे बड़ा सवाल यही कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने विपक्ष का चेहरा कौन होगा. इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जीत के बाद सीएम ममता बनर्जी का नाम जोर-शोर से चल रहा है. ऐसे में ममता बनर्जी अब अपनी पार्टी के विस्तार में जुटी हुईं हैं. हरियाणा से लेकर पंजाब त्रिपुरा तक में टीएमसी का ध्वज लहराने की तैयारी है.

दिलचस्प बात ये है कि गोवा में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के होते हुए ममता बनर्जी टीएमसी को वहां भाजपा के खिलाफ खड़ी होने वाली बड़ी पार्टी मान रही हैं और कांग्रेस को गठबंधन करने का ऑफर दे रही हैं. खास बात ये है कि पिछले 6 महीने तक कांग्रेस पर हमला करने के बाद अब ममता कांग्रेस को गठबंधन करने का प्रस्ताव दे रही हैं. 

कांग्रेस को ममता का ऑफर

ममता  बनर्जी अब टीएमसी को मजबूत पार्टी के रूप में प्रोजेक्ट करने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस के साथ जाना उनकी मजबूरी है क्योंकि कांग्रेस विपक्षी मोर्चे के लिए गोंद का काम करती है. ऐसे में ममता कांग्रेस के प्रति तल्खी दिखाकर अपना काम निकलवाने की कोशिश कर रही हैं. गोवा दौरे में ममता का रवैया कुछ ऐसा ही था. कांग्रेस को लेकर उन्होंने कहा, "अगर पश्चिम बंगाल में सड़क पर पानी भर जाता है, तो भाजपा केंद्रीय जांच एजेंसियों को उनके गृह राज्य भेजती है, लेकिन जब गोवा के नेता भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घिरते हैं तो कोई एजेंसी नजर नहीं आती. वे क्यों आएंगे, वे सभी भाजपा के लोग हैं. 

ममता बनर्जी ने कहा, "मैं कांग्रेस के खिलाफ नहीं बोलना चाहती. अगर कांग्रेस को लगता है कि वह बीजेपी को हराने के लिए काम करना चाहती है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है." वहीं गोवा में अपने चुनावी अभियान को लेकर ममता ने कहा, "टीएमसी का मतलब मंदिर, मस्जिद और चर्च है." उन्‍होंने कहा, "हम बीजेपी से लड़ रहे हैं. क्या जीतने का कोई मौका है? क्या आपको विश्वास है कि हम जीत सकते हैं? यदि आप आश्वस्त हैं, तो पीछे मत हटिए. आगे बढ़िए."

नहीं बनेगा वोटकटवा

गोवा के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचा ममता बनर्जी ने राज्य में अपनी पार्टी की राजनीतिक स्थिति को भांपने के प्रयास किए हैं. उन्होंने अपनी मजबूती दर्शाते हुए कहा, "हम यहां पर वोट के विभाजन के लिए नहीं आए हैं बल्कि बिखरे हुए वोट को एकजुट करने और टीएमसी गठबंधन को जीत दिलाने के लिए हैं. यह बीजेपी का विकल्प है. अगर कोई इसका समर्थन करना चाहता है, तो इसका निर्णय उन्हें करना है, हम पहले ही फैसला कर चुके हैं. हम लड़ेंगे और मरेंगे लेकिन पीछे नहीं हटेंगे."

ममता अपने इस वक्तव्य के जरिए कांग्रेस के सामने अपना चुनावी रोडमैप रख रही हैं. वो ये दिखाने की कोशिश कर रही हैं कि वो भाजपा को हराना है तो कांग्रेस को उनका साथ देना होगा. अब इन बयानों से ममता ने गेंद कांग्रेस के पाले में डाल दी हैं जिसके असर न केवल गोवा विधानसभा चुनाव अपितु राष्ट्रीय राजनीति पर भी दिख सकते हैं. 
 

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